Indore ind vs aus cricket test jagdales big allegation -the match was not played on the pitch made for india australia: digi desk/BHN/इंदौर/ भारत का अभेद्य किला कहलाने वाले इंदौर के होलकर स्टेडियम में मेजबान पहली बार टेस्ट हारा। वह भी सवा दो दिन में। शाम को आइसीसी ने पिच को खराब करार देते हुए तीन नकारात्मक अंक दे दिए। उधर, बीसीसीआइ के पूर्व सचिव संजय जगदाले ने आरोप लगाया कि भारत-आस्ट्रेलिया मैच के लिए जो पिच तैयार की गई थी, उस पर तो मैच हुआ ही नहीं। ऐनवक्त पर पिच बदल दी गई। उन्होंने कहा, अचानक पिच बदलने की जरूरत क्यों पड़ी और यह किसके आदेश पर किया गया, उन्हें आगे आकर जिम्मेदारी लेना चाहिए।
बीसीसीआइ के पूर्व सचिव जगदाले ने कहा कि इंदौर के विकेट पर क्या हुआ, यह सबने देखा, मगर सवाल यह है कि ऐसा विकेट किसके कहने पर तैयार हुआ? इतना तय है कि इसके पीछे मध्य प्रदेश क्रिकेट संगठन का कोई चेहरा नहीं है। इंदौर में टेस्ट के लिए लाल मिट्टी का विकेट तैयार किया जा रहा था। अचानक विकेट बदलने की जरूरत क्यों पड़ी और किसके निर्देश पर पड़ी। उन्हें आगे आकर जिम्मेदारी लेना चाहिए और जवाब देना चाहिए।
स्थानीय क्यूरेटर के पास पिच तैयार करने का पर्याप्त अनुभव
जगदाले ने कहा कि इंदौर में टेस्ट मैच से पहले रणजी ट्राफी के क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल जैसे महत्वपूर्ण मुकाबले हुए। दोनों मैच रोमांचक थे और गेंद व बल्ले के बीच बराबरी का संतुलन था। यह सही है कि घरेलू टीम पिच से थोड़ा फायदा लेती है, लेकिन इसकी भी सीमा होती है। स्थानीय क्यूरेटर के पास पर्याप्त अनुभव है और बेहतर विकेट तैयार करने का उनका रिकार्ड रहा है। उनपर भरोसा करना चाहिए था। वह परिस्थितियों को किसी अन्य की तुलना में ज्यादा अच्छे से समझते हैं। यदि टीम प्रबंधन की कुछ मांग थी तो उनसे भी कह सकते थे। ऐसी क्या नौबत आ गई कि बीसीसीआइ से क्यूरेटर बुलवाया गया।
टीम को खुद पर आत्मविश्वास रखना था
जगदाले ने कहा, हम आस्ट्रेलिया से उनके देश में जीतकर आए हैं। टीम को स्वयं पर आत्मविश्वास रखना चाहिए था। क्रिकेट प्रशंसकों से आगे बढ़ता है, लेकिन उनके बारे में किसी ने नहीं सोचा। इतनी जल्दी मैच खत्म होने से निराशा हुई। ऐसे मैच होंगे तो प्रशंसक स्टेडियम में क्यों आएंगे। इससे इंदौर का नाम खराब हुआ है।
ICC की रिपोर्ट – टेस्ट की पांचवीं गेंद से ही टूटी पिच
मैच रेफरी क्रिस ब्राड ने आइसीसी को सौंपी रिपोर्ट में कहा- होलकर स्टेडियम की पिच बहुत सूखी थी। यहां गेंद और बल्ले के बीच संतुलन नहीं था। यह पिच शुरुआत से ही स्पिनरों को मदद कर रही थी। मैच की पांचवीं गेंद से ही पिच टूटने लगी थी और यह निरंतर टूटती जा रही थी। इस पर से तेज गेंदबाजों को कम या न के बराबर मदद मिल रही थी। पूरे मैच के दौरान असमान या बहुत ज्यादा उछाल मिल रहा था।
आगे क्या
बीसीसीआइ के पास आइसीसी के निर्णय के खिलाफ अपील करने के लिए 14 दिन का वक्त है।
यह है नियम
- यह डीमेरिट अंक अगले पांच सालों तक प्रभावी रहेंगे। जब किसी मैच स्थल को पांच डीमेरिट अंक या ज्यादा मिल जाते हैं, तो उसे अंतरराष्ट्रीय मैच की मेजबानी से एक साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाता है।
- अब होलकर स्टेडियम के पिच को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतनी होगी। यदि पांच साल में किसी मैच में दो डीमेरिट अंक मिले तो प्रतिबंध लग सकता है।
बीसीसीआइ के क्यूरेटर ने तैयार की थी पिच
एमपीसीए के सचिव संजीव राय का कहना है कि एमपीसीए बीसीसीआइ का ही अंग है। बीसीसीआइ के क्यूरेटर ने ही यह पिच तैयार की थी। चूंकि, बीसीसीआइ के पास आइसीसी की रिपोर्ट पहुंच गई है। हम उनसे कहेंगे कि वे हमारे लिए आइसीसी में अपील करे।