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Chhatarpur: पिस्‍टल दिखाकर धमकाने वाला बागेश्वरधाम के धीरेंद्र कृष्ण का भाई सुबह गिरफ्तार, शाम को मिली जमानत

छतरपुर.भास्कर हिंदी न्यूज़/  गढ़ा गांव में अजा वर्ग के शादी समारोह में पिस्टल दिखाकर धमकाने के मामले में विशेष न्यायाधीश ने शालिगराम उर्फ सौरव गर्ग और साथी राजाराम उर्फ जीतू तिवारी को जमानत दे दी। पुलिस ने गुरुवार सुबह ही शालिगराम और उसके साथी को गिरफ्तार किया था। शालिगराम बागेश्वर धाम के कथा वाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का छोटा भाई है। जमानत पर डीपीओ प्रवेश अहिरवार और फरियादी की ओर से आपत्ति की गई थी, लेकिन न्यायालय ने उनकी आपत्ति खारिज कर दी।

क्या है मामला

 इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो बहुप्रसारित हुआ था। इसमें अजा वर्ग के परिवार में शादी समारोह के दौरान शालिगराम गर्ग हाथ में पिस्टल लेकर धमकाते हुए नजर आ रहा था। वीडियो 11 फरवरी की रात गढ़ा गांव का बताया गया। बमीठा थाना पुलिस ने वायरल वीडियो की पड़ताल की थी और शालिगराम गर्ग पर मारपीट, धमकाने, जान से मारने की धमकी, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर धारा 294, 323, 506, 427 और एससी- एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया था।

विवेचना का जिम्मा खजुराहो एसडीओपी मनमोहन सिंह बघेल को दिया गया। विवेचना में पुलिस ने धारा 336, 25/27 आर्म्स एक्ट बढ़ाई है। गुरुवार सुबह पुलिस ने शालिगराम और राजाराम तिवारी को गिरफ्तार किया। दोपहर बाद दोनों को छतरपुर के विशेष न्यायालय में पेश किया गया। यहां फरियादी भी आया। बचाव पक्ष की ओर से वकील सीएल पटेल, शिव प्रताप सिंह पेश हुए। न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद शालिगराम और राजाराम तिवारी को 25-25 हजार रुपये के मुचलके जमा करने पर जमानत दे दी।

न्यायालय ने इस आधार पर दी जमानत

बचाव पक्ष के वकील शिवप्रताप सिंह ने बताया न्यायालय में दलील रखी गई थी कि शालिगराम और राजाराम आदतन अपराधी नहीं हैं। पुलिस ने जिन धाराओं में अपराध दर्ज किया है वह सात वर्ष से कम सजा का है। वायरल वीडियो की सत्यता की कोई पुष्टि नहीं हुई है। इस तरह के वीडियो एडिट कर भी बहुप्रसारित किए जाते हैं। साथ ही दलील रखी गई कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की प्रसिद्वि बढ़ रही है तो उन्हें बदनाम करने की साजिश के तहत इस तरह के कृत्य किए जा रहे हैं। फरियादी पक्ष की आपत्ति को न्यायालय ने खारिज कर दिया।

कार से बाहर निकला, स्कूटी से आया

न्यायालय से जमानत मिलते ही शालिगराम और उसके साथी राजाराम को कार में बैठाकर न्यायालय के सागर रोड वाले गेट से बाहर ले जाया गया। कुछ देर बाद शालिगराम और राजाराम को वापस मोटे के महावीर मंदिर वाले रास्ते से न्यायालय में मुचलके जमा करने के लिए लाया गया। इस दौरान न्यायालय परिसर में भारी पुलिस बल तैनात रहा है।

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