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MP: तिहरे हत्याकांड में नाबालिग को तिहरा आजीवन कारावास

MP, ratlam court news triple life imprisonment for minor in triple murder: digi desk/BHN/रतलाम/ विवाद में दो भाइयों सहित तीन युवकों की हत्या करने के सनसनीखेज मामले में बालक न्यायालय ने करीब 17 वर्षीय लड़के को भादंवि की धारा 302/34 (तीन शीर्ष) में तिहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। उस पर क्रमश: दो-दो हजार रुपये का जुर्माना भी किया गया। शेष सात बालिग आरोपितों के खिलाफ एक्ट्रोसिटी एक्ट के विशेष न्यायालय में केस विचाराधीन है। फैसला न्यायाधीश योगेंद्र कुमार त्यागी ने सुनाया।

उल्लेखनीय है कि सात नवंबर 2016 को कुछ लोगों ने दौलत पिता खेमचंद्र चावड़ा (27) निवासी राजीव नगर, उसके छोटे भाई आनंद चावड़ा (24) और साथी धर्मेश उर्फ कालू उर्फ अंडा पिता रतनलाल राठौर (25) निवासी इंद्रलोक नगर की हत्या कर दी थी। विशेष लोक अभियोजक गौतम परमार ने बताया कि धर्मेंद्र निवासी अलकापुरी ने औद्योगिक क्षेत्र थाने में रिपोर्ट की थी कि वह तथा उसके दोस्त दुर्गेश, दौलत चावड़ा, आनंद चावड़ा, धर्मेंद्र उर्फ कालू उर्फ अंडा घटना वाली रात करीब साढ़े दस बजे राजीव नगर मुक्तिधाम के सामने मंदिर के पास बैठकर सिगरेट पी रहे थे।

मारपीट कर चाकू से किया हमला

इस दौरान अभियुक्त अंकित उर्फ जटा निवासी सज्जन मिल रोड व राहुल ताई निवासी जवाहर नगर दो साथियों के साथ बाइकों पर आए। उन्होंने गालीगलौज कर कहा कि यहां कैसे बैठे हो, बड़े तीसमार खां बनते हो। आनंद ने गाली देने से मना किया तो राहुल ने आनंद से मारपीट शुरू कर दी। एक अभियुक्त ने आनंद को पकड़ा तथा अंकित उर्फ जटा ने चाकू से उस पर हमला कर दिया। धर्मेश उर्फ धर्मेंद्र बीचबचाव करने आया तो अंकित ने उस पर भी चाकू से वार किए। बीचबचाव करने पर दौलत को भी चाकू मारे। चारों अभियुक्तों ने उससे मारपीट भी की। दौलत, आनंद चावड़ा व धर्मेश उर्फ कालू को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां तीनों की मृत घोषित कर दिया।

विशेष न्यायालय में चल रहा केस

पुलिस ने अंकित उर्फ जटा, राहुल ताई व उनके साथियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था। पुलिस ने अंकित, गोविंद उर्फ नरेंद्र, राहुल उर्फ ताई, कुलदीप, सुमेरसिंह, अंकित राठौड़, मनोज उर्फ नेपाल व एक नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया था। विवेचना के बाद आठों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया गया था। नाबालिग आरोपित का केस एट्रोसिटी एक्ट विशेष न्यायालय से बालक न्यायालय में स्थानांतरित किया गया था। बालक न्यायालय ने अभियोजन की तरफ से प्रस्तुत लिखित, दस्तावेजी, मौखिक साक्ष्य एवं वैज्ञानिक साक्ष्य (डीएनए) के आधार पर नाबालिग को सजा सुनाई। प्रकरण में शासन की तरफ से पैरवी विशेष लोक अभियोजक गौतम परमार व मृतक धर्मेंद्र पक्ष की तरफ से एडवोकेट मनमोहन दवेसर ने की।

सभी सजा साथ चलेंगी

विशेष लोक अभियोजक गौतम परमार ने बताया कि न्यायालय ने अभियुक्त नाबालिग को भादंवि की धारा 323/34 में छह-छह माह के सश्रम कारावास सी सजा सुनाई। वहीं एट्रोसिटी एक्ट की धारी 3(2)(वी) में आजीवन कारावास की सजा व दो हजार रुपये के जुर्माने से भी दंडित किया। सभी सजा साथ चलेंगी।

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