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Shiv Navratri: शिव नवरात्र में दूल्हा बनेंगे महाकाल, 9 दिन 9 रूपों में होगा अद्भुत श्रृंगार

Shiv navratri 2023 mahakal will become the groom in shiva navratri will be decorated in nine forms for nine days: digi desk/BHN/उज्जैन/ ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में शुक्रवार से शिव नवरात्र का उल्लास छाएगा। भगवान महाकाल दूल्हा बनेंगे। संध्या आरती में नौ दिन तक भगवान का नौ रूप में शृंगार होगा। शिव नवरात्र के नौ दिनों में भोग आरती व संध्या पूजन का समय बदल जाएगा। गर्भगृह में भक्तों का प्रवेश भी सीमित होगा।

पं. महेश पुजारी ने बताया कि देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में महाकालेश्वर एकमात्र ज्योतिर्लिंग है, जहां शिव नवरात्र उत्सव मनाया जाता है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी से त्रयोदशी तक नौ दिन शिव नवरात्र मनाई जाती है। इन नौ दिनों में दूल्हे बने राजा महाकाल का अलग-अलग स्वरूपों में दिव्य श्रृंगार किया जाता है।

त्रयोदशी के दिन महाशिवरात्रि पर महानिषाकाल में महाकाल की महापूजा होती है। रात्रि पर्यंत पूजा-अर्चना के बाद चतुर्दशी पर तड़के चार बजे भगवान के शीश फूल व फलों से बना सेहरा साजाया जाता है। इस दिन शिव नवरात्र उत्सव का समापन होता है तथा मंदिर समिति पुजारियों के उपवास का पारणा कराती है।

कोटेश्वर महादेव की पूजा से होगी शुरुआत

शिव नवरात्र की शुरुआत शुक्रवार सुबह आठ बजे कोटितीर्थ कुंड के समीप स्थित भगवान श्री कोटेश्वर महादेव मंदिर में शिव पंचमी के पूजन के साथ होगी। पुजारी कोटेश्वर महादेव का अभिषेक पूजन कर उन्हें हल्दी चढ़ाएंगे। करीब एक घंटे पूजा-अर्चना होगी। इसके बाद सुबह नौ बजे से गर्भगृह में भगवान महाकाल की पूजा होगी। इसके बाद 11 ब्राह्मण लघु रुद्र का पाठ करेंगे। पूजन का यह क्रम महाशिवरात्रि तक चलेगा।

इन रूपों में होंगे दर्शन

  • पहला दिन : भगवान महाकाल का चंदन से शृंगार किया जाएगा। नया सोला व दुपट्टा धारण कराया जाएगा। मुकुट, मुंडमाला, छत्र आदि आभूषण से श्रृंगार होगा।
  • दूसरा दिन : शेषनाथ शृंगार
  • तीसरा दिन : घटाटोप शृंगार
  • चौथा दिन : छबीना शृंगार
  • पांचवां दिन : होल्कर शृंगार
  • छठा दिन : मनमहेश शृंगार
  • सातवां दिन : उमा महेश शृंगार
  • आठवां दिन : शिव तांडव शृंगार
  • महाशिवरात्रि : सप्तधान रूप में शृंगार कर फल व फूलों से बना सेहरा सजाया जाएगा। सोने के आभूषण धारण कराए जाएंगे।

महाकाल मंदिर में प्रतिदिन सुबह 10 बजे भोग आरती तथा शाम पांच बजे संध्या पूजा होती है। नौ दिनों में अभिषेक-पूजन का विशेष क्रम होने से भोग आरती दोपहर एक बजे तथा संध्या पूजन दोपहर तीन बजे होगी।

गर्भगृह में बंद रहेगा सामान्य दर्शनार्थियों का प्रवेश

महाकाल मंदिर समिति द्वारा आम दिनों में मंगलवार से शुक्रवार तक भीड़ कम होने की स्थिति में सामान्य दर्शनार्थियों को दोपहर एक से शाम चार बजे तक गर्भगृह में प्रवेश दिया जाता है। शिव नवरात्र में अभिषेक-पूजन के चलते सामान्य दर्शनार्थियों का उक्त समय गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।

1500 की रसीद पर इस समय मिलेगा प्रवेश

750 व 1500 रुपये की रसीद पर श्रद्धालुओं को सुबह छह से नौ बजे तक तथा दोपहर में 1.30 से 2.30 बजे तक प्रवेश दिया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि भीड़ की स्थित को देखते हुए व्यवस्था में परिवर्तन किया जा सकता है।

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