Bharat Bandh in MP:भोपाल/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसान कानूनों को लेकर बुलाए गए भारत बंद पर कहा कि कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दल किसानों की आड़ में राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं। तीनों कानून किसानों के हित में है और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त करने वाले हैं। यदि कोई किसान अपनी मर्जी से कहीं भी फसल बेचने के लिए स्वतंत्र है तो इसमें किसी को क्या आपत्ति है। यदि व्यापारी किसान के खेत या खलियान से फसल खरीद लेता है तो किसी को क्यों तकलीफ होनी चाहिए। जहां तक संविदा पर खेती को लेकर विरोध की बात है तो यदि किसान को यह निश्चिंता मिलती है कि उसकी उपज प्रति क्विंटल एक निश्चित राशि पर व्यापारी द्वारा खरीद ही जाएगी और यदि कीमत बढ़ती है तो वो मिलेगी, इसमें क्या बुराई है।
किसान देश के किसी भी हिस्से में अपनी उपज दे सकता है। तीनों कानून किसानों की बेहतरी के लिए दूरगामी सोच के साथ तैयार किए गए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा और अपनी ओर से किसानों को आश्वस्त किया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद जारी रहेगी। मंडी भी बंद नहीं होंगी उन्हें और बेहतर बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने भारत बंद को लेकर कहा कि कुछ किसानों को कानूनों को लेकर कुछ आपत्तियां हैं। चर्चा के द्वार खुले हैं। लगातार बैठकें हो रही हैं, जो भ्रम हैं उन्हें दूर किया जाएगा। मध्यप्रदेश में किसान कानूनों को समझ रहे हैं। कांग्रेस व अन्य दल राजनीतिक रोटियां सेकने में लगे हैं। यह किसानों के लिए दूरदर्शी कानून है। मंडी के बाहर किसान को ठीक दाम मिलते हैं तो इससे उन्हें आर्थिक लाभ ही होगा। मंडियों को प्रतिस्पर्धी बनाया जाएगा। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार थी तो उन्होंने किसानों को मिलने वाली प्रधानमंत्री सम्मान निधि के लिए सूची तक नहीं भेजी थी।
फसल बीमा का प्रीमियम तक जमा नहीं किया था। किसानों को मुआवजा तक नहीं मिला था। यूपीए सरकार के समय कृषि बाजार को खोलने की सिफारिश कृषि मंत्री शरद पवार ने की थी। इसके लिए बार-बार जोड़ डाला जा रहा था। 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में किसी व्यापार को सभी प्रतिबंधों से मुक्त करने की बात कही थी और अब यह पाखंड कर रहे हैं। मैदान में कांग्रेस मुकाबला नहीं कर पाती है।