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MP: म.प्र. पावर मैनेजमेंट कंपनी व मेघा इंजीनियरिंग के बीच ट्रांसमिशन सर्विस एग्रीमेंट हस्ताक्षरित

भोपाल/सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ मध्यप्रदेश में 17 अति उच्चदाब सबस्टेशन बनाने के लिये मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी व मेसर्स मेघा इंजीनियरिंग एवं इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के बीच टी.एस.ए. (ट्रांसमिशन सर्विस एग्रीमेंट) पर हस्ताक्षर हुये। साथ ही मध्यप्रदेश स्टेट ट्रांसमिशन यूटिलिटी के इंचार्ज मुख्य अभियंता संजय कुलश्रेष्ठ की उपस्थिति में मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी ने मेसर्स मेघा इंजीनियरिंग एवं इंफ्रास्ट्रक्चर को संबंधित दस्तावेज हस्तांतरित किये। इसके पहले मध्यप्रदेश शासन द्वारा नियुक्त बिड प्रोसेस को-आर्डिनेटर आर.ई.सी.पी.डी.सी.एल. ने टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के बाद न्यनूतम बिडर मेसर्स मेघा इंजीनियरिंग एवं इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड हैदराबाद को एस.पी.ए. (शेयर परचेस एग्रीमेंट) हस्तांतरित किया।
इस अवसर पर मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के मुख्य अभियंता अजय श्रीवास्तव, मध्यप्रदेश स्टेट ट्रांसमिशन यूटिलिटी के मोहन ढोके, मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी की तरफ से सी.जी.एम. शैलेन्द्र जर्नादन, आर.ई.सी. पी.डी.सी.एल. की तरफ से मुख्य महाप्रबंधक पी.एस. हरिहरण व मेसर्स मेघा इंजीनियरिंग एवं इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की ओर से उपाध्यक्ष प्रवीण शरद दीक्षित एवं कंपनी सचिव एन. चन्द्रकाला सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के लिये बनेगें 17 अति उच्चदाब के सबस्टेशन

मुख्य अभियंता संजय कुलश्रेष्ठ ने बताया कि टी.बी.सी.बी. (टेरिफ बेस्ड कांपटेटिव बिडिंग) में न्यूनतम रहते हुये मेसर्स मेघा इंजीनियरिंग एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के लिये 17 अति उच्चदाब के सबस्टेशन बनाने का यह कांट्रेक्ट हासिल किया है। जिसमें 400 के.व्ही. का एक, 220 के.व्ही. के 3 तथा 132 के.व्ही. के 13 सबस्टेशन शामिल है। 17 सबस्टेशनों में मध्यक्षेत्र के 10 तथा पश्चिम क्षेत्र के 07 सबस्टेशन शामिल है। मेसर्स मेघा इंजीनियरिंग एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 59 दौर के ई-रिवर्स ऑक्सन प्रक्रिया के बाद यह टेंडर मिला है। आदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड, पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया, टाटा पावर कंपनी लिमिटेड तथा टेकनो इलेक्ट्रिक एवं इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड अंतिम दौर की टेंडर प्रक्रिया में शामिल थे।
इस पैकेज में भोपाल के औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप में प्रदेश का पहला 400 के.व्ही. जी.आई.एस. सबस्टेशन, भोपाल में ही 132/33 के.व्ही. का दूसरा जी.आई.एस. सबस्टेशन एच.ओ.डी., भोपाल क्षेत्र में होशंगाबाद जिले के बिसोनिकला, बैतूल जिले के शाहपुर में 220 के.व्ही. का, राजगढ़ जिले के छापीहेडा, हरदा जिले के सोदालपुर, रायसेन जिले के पठारी, व बाड़ी, सिहोर जिले के जावरजोड, अशोकनगर जिले के सेमराहट में 132 के.व्ही. के सबस्टेशन, धार जिले के पीथमपुर में 132/33 के.व्ही. का जी.आई.एस. सबस्टेशन, खरगौन में 220 के.व्ही. का सबस्टेशन, उज्जैन जिले के भाटपचलाना खरगौन जिले के पीपलगांव, रतलाम जिले के धोदर, देवास जिले के चोबराधीर, अलीराजपुर जिले के अम्बजा, में 132/33 के.व्ही. के सबस्टेशन बनाये जायेंगे। निर्माण करने के बाद इन सबस्टेशनों का संचालन 35 वर्षो के लिये मेसर्स मेघा इंजीनियरिंग एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के पास रहेगा।

बिजली उपभोक्ता सेवाओं में सुधार के सतत प्रयास जारी : ऊर्जा मंत्री

शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत प्रदाय संबंधी शिकायतों के त्वरित निराकरण के लिए केन्द्रीयकृत कॉल सेंटरों (1912) को क्रियाशील कर, उनकी क्षमतावृद्धि की गई है। शिकायतों के निराकरण उपरांत उपभोक्ता संतुष्टि के लिए फीडबैक व्यवस्था का भी प्रावधान है। असंतुष्ट उपभोक्ताओं से मैदानी अधिकारियों द्वारा व्यक्तिगत सम्पर्क कर, समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है। ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्यम्न सिंह तोमर ने कहा है कि बिजली उपभोक्ता सेवाओं में सुधार के लिए सतत प्रयास जारी हैं।
मंत्री श्री सिंह ने बताया है कि वितरण कंपनियों द्वारा मोबाईल एप से फोटो मीटर रीडिंग की जा रही है। इस सुविधा का विस्तार करते हुए उपभोक्ता को हर महीने स्वयं मीटर की फोटो के साथ अपनी रीडिंग अपलोड करने की सुविधा दी गयी है। वितरण कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं की बिलिंग के लिए एक अत्याधुनिक एवं नवीन ओपन सोर्स टेक्नालॉजी आधारित सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। यह अत्यंत कम खर्च पर विभागीय अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा बनाया गया है।
कंपनियों द्वारा नये कनेक्शन, संयोजित भार में वृद्धि/कमी, टैरिफ श्रेणी में परिवर्तन, नाम परिवर्तन जैसी महत्वपूर्ण सेवाएँ ऑनलाईन दी जा रही हैं। उपभोक्ताओं द्वारा उच्च एवं निम्न दाब के नये कनेक्शन के लिए आवेदन नाम/भार और उपयोग परिवर्तन, प्रोफाईल में परिवर्तन, बिल भुगतान एवं शिकायत, सेल्फ फोटो रीडिंग, मीटर स्थान परिवर्तन एवं स्थाई विच्छेदन के लिए कंपनियों द्वारा स्मार्ट बिजली एप विकसित किए गए हैं।

इंस्टेंट बिलिंग व्यवस्था

उपभोक्ताओं को बिल तत्काल उपलब्ध हो सके इस उद्देश्य से “इंस्टेंट बिलिंग व्यवस्था“ लागू की गई है। इस व्यवस्था से उपभोक्ताओं को बिल नहीं मिलने की शिकायतें दूर होगी तथा विसंगति पाये जाने पर उपभोक्ता द्वारा तत्काल मीटर रीडिंग देख कर उसका निराकरण करवाया जा सकेगा। इस व्यवस्था को लागू किये जाने के बाद बिल सुधार संबंधी शिकायतों में काफी कमी आयी है।

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