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Satna: महिला सशक्तिकरण में पुरुष वर्ग की भूमिका महत्वपूर्ण- अपर कलेक्टर

राष्ट्रीय बालिका दिवस पर विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धि प्राप्त बेटियां पुरुस्कृत

सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ राष्ट्रीय बालिका दिवस 24 जनवरी के अवसर पर महिला बाल विकास विभाग, बाल कल्याण समिति और महिला सशक्तिकरण के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धि प्राप्त करने वाली बालिकाओं को सम्मानित किया गया। इस मौके पर कार्यक्रम का शुभारंभ आईएएस अधिकारी अपर कलेक्टर संस्कृति जैन और बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष राधा मिश्रा ने दीप प्रज्वलन कर किया। इस मौके पर जिला कार्यक्रम अधिकारी सौरभ सिंह, सहायक संचालक श्याम किशोर द्विवेदी, बाल संरक्षण अधिकारी अमर सिंह, प्राचार्य उत्कृष्ट विद्यालय वेंकट क्रमांक-1 सुशील श्रीवास्तव, बीएन तिवारी, बाल कल्याण समिति की सदस्य जान्हवी त्रिपाठी, रेखा सिंह, चंद्र किरण श्रीवास्तव, उमा श्रीवास्तव सहित बालिकाओं के अभिभावक उपस्थित रहे।
अपर कलेक्टर संस्कृति जैन ने इस मौके पर कहा कि समाज में महिला सशक्तिकरण के लिए पुरुष वर्ग की भूमिका और सहभागिता अत्यंत महत्वपूर्ण है। महिला सशक्तिकरण को पुरुष वर्ग से किसी प्रतिस्पर्धा का हिस्सा नहीं बनना चाहिए। समाज की मानसिकता में परिवर्तन और पुरुष वर्ग के सहयोग से ही वास्तविक रूप से महिला सशक्तिकरण किया जा सकता है। अपर कलेक्टर संस्कृति जैन ने अपना उदाहरण देते हुए बताया कि वह अपने परिवार में सिंगल चाइल्ड गर्ल रही हैं। लेकिन परिवार और समाज में उन्हें लड़का-लड़की के भेदभाव का कभी एहसास नहीं होने दिया। इस मौके पर 18 जनवरी से 24 जनवरी तक चले राष्ट्रीय बालिका दिवस सप्ताह की खेल एवं रचनात्मक प्रतिस्पर्धा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं तथा विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करने वाली बालिकाओं को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।
इनमें स्लोगन में प्रथम आयुषी तिवारी, द्वितीय मान्य खरे, तृतीय मेघा प्रजापति, पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम अनुश्री यादव, द्वितीय प्रार्थना पांडेस, तृतीय दिव्या राय, ड्राइंग में प्रथम लक्ष्मी सोनी सहित विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान में दुर्गा त्रिपाठी, अनामिका रैदास, आकृति साहू, पल्लवी राठौड़, खुशी सिंह, छाया सिंह, आयुषी सिंह, शांभवी मिश्रा, तृप्ति प्रजापति, कोमल कुशवाहा, वैभवी मिश्रा, अदिति शर्मा, अन्वीक्षा वर्मा, निशिका भगत, अदिति कुशवाहा, अनामिका सिंह, कोमल मिश्रा, कृपा मिश्रा, कलश शर्मा, असमी भारती, आयुषी मिश्रा, शिरीन खान, प्रगति श्रीवास्तव, भाव्या गर्ग, सुचिता पांडेय, वेदशिखा सिंह चौहान, श्रुति गौतम, निकिता सिंह चंदेल, लवी कुशवाहा, जिज्ञासा जैन, प्रियांशा वाधवानी, श्वेता टेकचंदानी, अंजली रजक, सिद्धिमा खत्री एवं अर्पिता त्रिपाठी को सम्मानित किया गया।

शिरीन खान राष्ट्रीय बालिका दिवस में हुई सम्मानित

राष्ट्रीय बालिका दिवस में सतना महिला एवम बाल विकास के तत्वाधान में अपर कलेक्टर द्वारा शिरीन खान को उनके समाज के प्रति उत्कृष्ट योगदान के लिए एक रंगा रंग कार्यक्रम में सम्मानित किया गया। प्रतिभा कभी परिचय की मोहताज नहीं होती. यह बात यहां शहर की उस मासूम बिटिया पर बिल्कुल सटीक बैठती है जो अभी सिर्फ कक्षा 8 की छात्रा है लेकिन 12 साल की छोटी उम्र में उसने बड़ी शोहरत हासिल कर अपने परिवार सहित समाज को गौरवान्वित करते हुए नेकी की राह पर चलने की सीख दी है। यह वह मासूम बच्ची है जो पिछले कई वर्षों से दीन हीनाे की सेवा कर नाम रोशन कर रही है।

शहर के जवाहर नगर में रहने वाले एक कार कंपनी के वाइस प्रेसीडेंट शेरू खान और श्रीमती बेनजीर तंजीन की बिटिया शिरीन पहली बार वर्ष 2016 में तब सुर्खियों में आई थी जब उसने अपने नन्हें हाथ प्राकृतिक आपदा बाढ़ से पीड़ित लोगों की मदद के लिए बढ़ाए थे। उन्हें खाना पानी कपड़ा दवाई आदि की सहायता पहुंचा कर इस बिटिया शिरीन और इसके भाई मोहम्मद अल शागिल ने जो सराहनीय कार्य किया। उसके लिए इन्हें तत्कालीन कलेक्टर मुकेश शुक्ला के कार्यकाल में तत्कालीन विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ राजेंद्र कुमार सिंह द्वारा गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह पर सम्मानित करते हुए उनकी हौसला अफजाई की गई थी साथ ही महिला दिवस पर भी इस बच्ची का टाउन हॉल में सम्मान किया जा चुका है। इसका असर इस बच्ची और इसके भाई पर इतना गहरा हुआ कि दोनों ही समाज सेवा में इस कदर जुट गए कि आज लोग इन्हें नन्हे फरिश्ते के नाम से भी जानते हैं।

नशा मुक्ति कार्यक्रम चला कर लोगो को जागरूक करने में भी दे रहे अपना योगदान

जब कभी त्योहार पर लोग जश्न मना रहे होते हैं तब यह मासूम बिटिया उन लोगों के बीच मौजूद होती है जो दीन हीन होने के कारण त्योहार नहीं मनाते । यह बिटिया ऐसे मौकों पर उनके पास पहुंचकर कुछ न कुछ देते हुए उन्हें भी खुश करने की कोशिश करती है। इतनी कम उम्र में बच्चे जब अपनी पसंद की चीज के लिए जिद करते हैं तब यह बच्ची अपना जेब खर्च भी गरीब कमजोर की मदद के लिए बचा कर रखती है।
शिरीन जितना पढ़ने में होशियार है उतना ही अन्य गतिविधियों खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि में भी है। उसकी सिंगिंग और स्विमिंग में बेहद रूचि है. पौधरोपण करना उसे बहुत अच्छा लगता है यह उसका खास शौक है. आज के बच्चों के लिए शिरीन वाकई एक मिसाल है।

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