छतरपुर, भास्कर हिंदी न्यूज़/ पर्यटन नगरी खजुराहो में बायपास से शराब की दुकान हटवाने की मांग कर महिलाएं धरने पर बैठ गईं। महिलाओं के साथ पूर्व विधायक आरडी प्रजापति और ओबीसी महासभा के पदाधिकारी मौजूद रहे। दोपहर एक बजे से शाम चार बजे तक महिलाएं तीन घंटे तक चक्काजाम किए रहीं। एसडीएम राकेश परमार और थाना प्रभारी संदीप खरे की समझाइश के बाद महिलाओं ने जाम खोला। प्रशासन ने शराब की दुकान पर निर्णय लेने के लिए आठ दिन का समय मांगा है। जाम के दौरान वाहन फंसे रहे और स्कूल से लौट रहे बच्चे भी परेशान हुए।
चक्काजाम के नाम से भड़के पूर्व विधायक
शराब की दुकान हटाने की मांग कर महिलाएं चक्काजाम कर बाइपास पर बैठी रहीं। इस दौरान उनके साथ पूर्व विधायक आरडी प्रजापति मौजूद रहे। पूर्व विधायक से पत्रकारों ने प्रश्न किया तो वे भड़क उठे। पूर्व विधायक ने कहा कि मैं चक्काजाम में शामिल नहीं हूं, लेकिन इन महिलाओं के साथ हूं। वहीं ओबीसी महासभा के पदाधिकारी विनोद पटेल, प्रदीप चौरसिया और अन्य ओबीसी महासभा नेताओं ने कहा यहां से शराब की दुकान हटाई जानी चाहिए।
चक्काजाम को लेकर कई लोगों ने समझाइश दी, लेकिन महिलाओं का कहना था कि शराब की दुकान हटेगी तब ही वे सड़क से उठेंगी। हालांकि इस दौरान जब एसडीएम और पुलिस ने समझाइश दी तो महिलाएं मान गई हैं, लेकिन प्रशासन ने उन्हें आठ दिन में कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है। जाम खुलवाने के दौरान एसडीएम राकेश परमार, टीआइ संदीप खरे, आबकारी एसआइ जीतेंद्र शर्मा और पुलिस प्रशासन का अमला मौजूद रहा।
स्कूल से लौट रहे बच्चे होते रहे परेशान
शराब की दुकान को हटाने की मांग कर महिलाएं चक्काजाम किए बैठी रहीं। पुलिस और प्रशासन तीन घंटे तक जाम नहीं खुलवा पाया। इस दौरान अभिभावकों के साथ स्कूल से घर लौट रहे मासूम बच्चे जाम में परेशान होते नजर आए। इसके अलावा सवारी वाहन भी जाम में फंसे रहे। इससे सवारियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि जब तीन घंटे हो गए तो प्रशासन ने ठान लिया था कि अब जाम खुलवाया जाए। इसके बाद अलग ही तरीके से समझाइश दी गई तो जाम खुल गया।
पूर्व में भी दे चुकी हैं अल्टीमेटम
शराब की दुकान हटाए जाने के विषय को लेकर महिलाओं की मांग पुरानी है। पूर्व में भी महिलाओं ने प्रदर्शन कर चेतावनी दी थी, लेकिन इस दौरान शराब की दुकान को लेकर निर्णय नहीं हो सका। ऐसे में शुक्रवार को महिलाएं दोबारा से सड़क पर उतरीं और इस बार बायपास पर बैठकर चक्काजाम कर दिया। निश्चित रूप से अगर वहां के रहवासियों को शराब की दुकान से आपत्ति है तो प्रशासन को इस और ध्यान देना चाहिए। वहीं शराब की दुकान के नाम पर ओबीसी महासभा की राजनीति भी सामने आ रही है।