Joshimath sinking demolition of dangerous houses and buildings begins sc will hear on january 16 see pics: digi desk/BHN/देहरादून/ उत्तराखंड के जोशीमठ में मंगलवार से खतरनाक मकानों और इमारतों को ढहाने का सिलसिला शुरू हो गया। इस दौरान प्रशासन को लोगों के विरोध का सामना भी करना पड़ा। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने #Joshimath मामले में तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मुद्दा रखा गया था, तब सर्वोच्च अदालत ने मंगलवार का दिन तय किया था। ताजा खबर है कि कोर्ट अब इस पर 16 जनवरी को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि जो कुछ भी महत्वपूर्ण है उसे शीर्ष अदालत में आने की जरूरत नहीं है। इस पर लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित संस्थाएं काम कर रही हैं। इस बीच, केंद्र की एक्सपर्ट टीम Joshimath में है और अध्ययन किया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि पूरा Joshimath में नहीं, बल्कि शहर का एक हिस्सा खतरनाक है।
मंगलवार को सबसे पहले मलारी इन पर कार्रवाई शुरू हुई। होटल के मालिक ठाकुर सिंह राणा ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा, अगर जनहित में इमारत को गिराया जा रहा है तो मैं सरकार और प्रशासन के साथ हूं, भले ही मेरे होटल में आंशिक दरारें ही क्यों न हों। लेकिन मुझे नोटिस दिया जाना चाहिए था और मूल्यांकन किया जाना चाहिए था। मैं मूल्यांकन के लिए आग्रह करता हूं।
वहीं एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा का कहना है कि मलारी इन को आज चरणबद्ध तरीके से तोड़ा जाएगा। सबसे पहले ऊपर के हिस्से को तोड़ा जाएगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि दोनों होटल झुक गए हैं और एक-दूसरे के बेहद करीब आ गए हैं। आसपास कई घर और होटल हैं, अगर ये दोनों इमारतें ढहीं तो भारी नुकसान होगा। इसलिए, विशेषज्ञों ने उन्हें ध्वस्त करने का फैसला किया।