Tyohar sankashti chauth 2023 on sankashti chauth 10 mothers will fast for the long life of their son: digi desk/BHN/ग्वालियर/नववर्ष की संकष्टी चौथ 10 जनवरी को मनाई जाएगी। माघ मास में पड़ने वाली सकट चतुर्थी का विशेष महत्व है। संकट चतुर्थी मंगलवार को पड़ने से यह और भी खास मानी जा रही है। अगर संकट चतुर्थी मंगलवार को पड़ती है तो इसे अंगारकी संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। संकष्टी चौथ के दिन माताएं अपनी संतान की दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इस दिन प्रसाद में तिल कुटा बनाने का विधान है, इसलिए इसे तिला कुटा चौथ भी कहा जाता है।
संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य सुनील चौपड़ा ने बताया कि संकष्टी चतुर्थी के शुभ मुहूर्त की शुरुआत 10 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट पर होगी। समापन 11 जनवरी दोपहर दो बजकर 31 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी का व्रत 10 जनवरी को ही रखा जाएगा। यह व्रत रात को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही खोला जाता है। इस दिन चंद्रोदय का समय शाम को आठ बजकर 41 मिनट पर होगा।
संकष्टी चतुर्थी की पूजन विधि
इस दिन सुबह जल्दी स्नान कर लें और साफ सुथरे वस्त्र पहन लें। इसके बाद गणेश जी की प्रतिमा या मूर्ति को चौकी पर स्थापित करें। धूप या अगरबत्ती प्रज्वलित करें। भगवान गणेश को तिल, गुड़, लड्डू, दुर्वा, फल और चंदन अर्पित करें। भगवान गणेश को मोदक का भोग लगाएं। ज्योतिषाचार्य के अनुसार पूरे दिन व्रत करने के बाद शाम को सूर्यास्त के बाद पुन गणेशजी की पूजा करें। इसके बाद चंद्रोदय की प्रतीक्षा करें। चंद्रोदय के बाद चांद को तिल, गुड़ आदि से अर्घ्य देना चाहिए। इस अर्घ्य के बाद ही व्रती को अपना व्रत खोलना चाहिए। गणेशजी की पूजा के बाद तिल का प्रसाद खाना चाहिए। जो लोग व्रत नहीं रखते हैं उन्हें भी गणेशजी की पूजा अर्चना करके संध्या के समय तिल से बने खाद्य पदार्थ का सेवन करना चाहिए।