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Satna: पं.गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास की ओर से व्याख्यानमाला का आयोजन 30 दिसंबर को

  • “समाज में सनातन संस्कृति का प्रभाव और उसकी प्रासंगिकता” विषय पर होगा वक्तव्य
  • पद्मश्री कपिल तिवारी होंगे व्याख्यानमाला के मुख्य वक्ता

छतरपुर,भास्कर हिंदी न्यूज़/ जनसेवा में समर्पित पं.गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास द्वारा निरंतर समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सेवा कार्य किए जाते हैं। न्यास हर वर्ष विभिन्न जनोपयोगी विषयों पर व्याख्यानमाला का भी आयोजन करता है। इसी कड़ी में इस वर्ष षष्ठम् व्याख्यानमाला का आयोजन 30 दिसंबर को किया जा रहा है। यह व्याख्यानमाला नगरपालिका ऑडिटोरियम, किशोर सागर तालाब के निकट, छतरपुर में होगी।

“समाज में सनातन संस्कृति का प्रभाव और उसकी प्रासंगिकता”

विषय पर होने वाली व्याख्यानमाला की अध्यक्षता भारतीय शिक्षण मंडल, महाकोशल प्रांत जबलपुर ( म.प्र.) के प्रांत संगठन मंत्री दयानिधि उर्मलिया करेंगे। पं.गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास के अध्यक्ष डॉ. राकेश मिश्र व्याख्यानमाला की प्रस्तावना रखेंगे। डॉ. मिश्र के मार्गदर्शन में न्यास बुंदेलखंड क्षेत्र में कई प्रकार का आयोजन कर न्यास ने इलाके की तस्वीर बदलने में महती भूमिका निभाई है। न्यास बुंदेलखंड की लोक संस्कृति एवं लोक साहित्य के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में भी कार्य कर रहा है। बुंदेलखंड की संस्कृति काफी समृद्ध है, जिसे राष्ट्रीय पटल पर लाने की दिशा में यह व्याख्यानमाला उपयोगी सिद्ध होगी।
व्याख्यानमाला में मुख्य वक्ता के रूप में पद्मश्री पुरस्कार 2020 से सम्मानित मध्य प्रदेश के सागर जिले से संबंध रखने वाले कपिल तिवारी होंगे। साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र जुड़े श्री तिवारी ने लोक संस्कृति साहित्य से संबंधित 39 पुस्तकों का संपादन किया है।वर्तमान में वे विदेश मंत्रालय के भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) के सदस्य हैं। आदिवासी लोककला अकादमी के निर्देशक रह चुके श्री तिवारी ने मध्यप्रदेश में लोक कलाओं और लोक कलाकारों के संवर्द्धन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। संस्कृति विभाग में उन्होंने अविभाजित मध्य प्रदेश के जनजातीय बहुल क्षेत्रों से होनहार लोक कलाकारों को खोजकर उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंच प्रदान किया है। लेखन के क्षेत्र में भी डॉ. कपिल तिवारी काफी सक्रिय रहे हैं। देश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में उनके जनोपयोगी आलेख अक्सर प्रकाशित होते रहे हैं। मौलिक चिंतन के धनी कपिल तिवारी सागर बुंदेलखंड अंचल से निकले एक ऐसे संस्कृति कर्मी और साहित्यकार हैं, जो समाज के लिए चिंतन करते हुए उसमें छिपी लोक साहित्य एवं संस्कृति की विशेषताओं को समृद्ध करने का काम किया। कार्यक्रम के संयोजक विनोद कुमार रावत ने बताया कि इस व्याख्यानमाला से संस्कृति की महत्ता एवं उसके प्रभाव की जानकारी से समाज को सही दिशा मिलेगी।

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