Madhya pradesh news only the new batch of mbbs will be able to get hindi books: digi desk/BHN/भोपाल/प्रदेश के सरकारी मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को हिंदी की पुस्तकें नए बैच से ही मिल पाएंगी। नया बैच (2022-23) दिसंबर से आएगा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसी वर्ष 16 अक्टूबर को भोपाल में चिकित्सा शिक्षा की हिंदी पुस्तकों का विमोचन किया था।
इस दौरान अधिकारियों ने कहा था कि मौजूदा बैच (2021-22) की पढ़ाई भी हिंदी पुस्तकों से कराई जाएगी, लेकिन अभी तक पुस्तकें ही बाजार में नहीं आई हैं। इस बैच का प्रथम वर्ष पूरा होने में करीब पांच महीने और बचे हैं। ऐसे में बीच सत्र में बदलाव की जगह अब नए बैच से ही हिंदी की पुस्तकें शुरू करने की तैयारी है।
2021-22 का बैच शुरू होने के साथ ही शिक्षकों को मौखिक तौर पर निर्देशित किया गया था कि कक्षा में अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी अध्यापन करें। मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय ने परीक्षा में हिंदी या अंग्रेजी व हिंदी मिलाकर लिखने का विकल्प 2018 से ही दे रखा है। ऐसे में पुस्तकें तैयार नहीं होने पर भी इस बैच के हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों के लिए आसानी हो गई है।
बता दें कि एमबीबीएस प्रथम वर्ष के लिए एनाटामी, फिजियोलाजी और बायोेकेमेस्ट्री की किताबों का ही हिंदी में अनुवाद हो पाया है। कक्षा में शिक्षक इन्हीं पुस्तकों से पढ़ाएंगे। इनकी भाषा हिंदी और अंग्रेजी मिली-जुली है। अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी चिकित्सा शिक्षा की पढ़ाई करने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है।
एक बैच में 10 से कम विद्यार्थी ही हिंदी माध्यम के
प्रदेश के 13 सरकारी चकित्सा महाविद्यालयों में एमबीबीएस के विद्यार्थियों की संख्या हर जगह 150 से 250 के बीच है। प्रत्येक कालेज मेें हिंदी माध्यम से पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या 10 से कम ही है। कक्षा में चिकित्सा शिक्षकों ने अपनी सुविधा के लिए विद्यार्थियों से हाथ उठवाकर जानने की कोशिश की तो यह आंकड़ा सामने आया। ऐसे में अब प्रकाशक को भी यह लग रहा है कि इतने कम विद्यार्थी होने पर पुस्तकों की बिक्री नहीं हो पाएगी। हालांकि, विभाग से हुए अनुबंध के तहत प्रकाशक को पुस्तकें छापनी ही पड़ेंगी।
प्रथम वर्ष की तरह ही होंगी द्वितीय वर्ष की पुस्तकें
एमबीबीएस द्वितीय वर्ष में अब तीन की जगह पांच पुस्तकें लगेंगी। यह पुस्तकें तैयार करने का काम शुरू हो गया है। पुस्तकें तैयार करने वाली समिति में शामिल चिकित्सकों ने बताया कि प्रथम वर्ष की तरह द्वितीय वर्ष में की पुस्तकों में भी अंग्रेजी के प्रचलित शब्दों का उपयोग किया जाएगा। साथ ही उनकी स्पेलिंग भी लिखी जाएगी। प्रथम वर्ष की पुस्तकें तैयार करने के लिए चिकित्सक स्वैच्छिक तौर पर आगे आए थे, पर द्वितीय वर्ष के लिए उन्हें नामजद इसके लिए लगाया जाएगा। इससे समय पर पुस्तकें तैयार हो सकेंगी।