Moti Gemstone Benefits: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ रत्न शास्त्र के अनुसार प्रत्येक रत्न किसी न किसी ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। अगर कुंडली में कोई ग्रह कमजोर हो तो रत्नों के प्रयोग से उस ग्रह की स्थिति को मजबूत किया जा सकता है। मोती रत्न चंद्रमा ग्रह से जुड़ा है। रत्न शास्त्र के अनुसार चंद्रमा के समात मोती शांत, सुंदर और शीतल होता है। मोती का प्रभाव मन और शरीर पर पड़ता है। मोती गोल और सफेद रंग के होते हैं। साउथ सीज में पाए जाने वाले मोतियों को सबसे अच्छी क्वालिटी का मोती माना जाता है। आइए जानते हैं क्या है मोती धारण करने की विधि और कौन सी राशि के लिए फायदेमंद है।
इस राशि के जातक मोती धारण कर सकते हैं
रत्न शास्त्र के अनुसार मेष, कर्क, वृश्चिक और मीन राशि के जातक मोती धारण कर सकते हैं। चंद्रमा की महादशा के बाद मोती धारण करना शुभ माना जाता है। यदि कुंडली में चंद्रमा छठे, आठवें या बारहवें भाव में हो तो मोती धारण कर सकते हैं। कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो तो मोती धारण किया जाता है। साथ ही कुंडली में चंद्रमा की स्थिति नीची होने पर मोती धारण न करने की सलाह दी जाती है।
मोती पहनने के फायदे
वैदिक ज्योतिष के अनुसार मोती धारण करने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। मोती धारण करने से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। यदि किसी को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है, तो सफेद मोती पहनना शुभ माना जाता है। जो जातक बहुत क्रोधित होते हैं, उन्हें भी मोती धारण करने की सलाह दी जाती है। मोती धारण करने से मन शांत होता है। साथ ही विद्यार्थियों को परीक्षा में सफलता मिलती है।
मोती धारण करने की विधि
मोती को चांदी की अंगूठी में धारण करना चाहिए। इस अंगूठी को शुक्ल पक्ष की सोमवार की रात को कनिष्ठा अंगुली में धारण करना चाहिए। रात में चंद्रमा की शक्ति बढ़ जाती है। पूर्णिमा के दिन भी मोती धारण किया जाता है। अंगूठी को पंचामृत में भिगोकर गंगाजल से साफ करें। मोती के साथ पीला पुखराज और मूंगा भी प्रयोग में लाया जा सकता है, लेकिन अन्य रत्नों का प्रयोग न करें।