vivah muhurat 2022 marriage muhurat is not on dev uthani ekadashi marriage ceremony will be held on this day in november: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ हिंदू धर्म में मान्यता है कि देवउठनी एकादशी के दिन से भगवान निद्रा से जाग जाते हैं और एकादशी के दिन से शुभ कार्य शुरू कर दिए जाते हैं। धार्मिक मान्यता है कि कि देवउठनी एकादशी के दिन ही तुलसी विवाह भी हुआ था, इसलिए देवउठनी एकादशी पर विवाह करना काफी शुभ माना जाता है, लेकिन इस साल ऐसा नहीं होगा क्योंकि शुक्र तारा अस्त होने के कारण 5 नवंबर को देवउठनी एकादशी के दिन विवाह मुहूर्त नहीं होगा। शादी करने के इच्छुक लोगों को इस बार विवाह मुहूर्त के लिए नवंबर के आखिरी सप्ताह तक का इंतजार करना होगा।
शुक्र तारा अस्त होने का क्या मतलब
हिंदू पंचांग के मुताबिक जब शुक्र तारा अस्त रहता है विवाह, गृह प्रवेश, उपनयन संस्कार सहित सभी शुभ कार्य करने पर रोक लग जाती है। इस दौरान शुभ कार्य नहीं करना चाहिए वरना कुछ अनहोनी हो सकती है। हिंदू पंचांग के अनुसार शुक्र तारा 20 नवंबर को उदय होगा और इस तारीख के बाद ही शादी की तारीख तय करना शुभ रहेगा। इसके अलावा दिसंबर माह में भी शादी के लिए बहुत कम तारीखें हैं। इस साल शादी के मुहूर्त 25 नवंबर से शुरू होंगे और 15 दिसंबर तक रहेंगे।