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Chhath Puja: खरना आज, जानिए छठ पर्व में इसका धार्मिक महत्व, यह है पूजन विधि

Tyohar chhath puja 2022, kharna today know what is its religious significance in chhath festival and learn the method of worship here: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ दीपावली के बाद आने वाला सबसे बड़ा त्योहार छठ पर्व है, जिसकी शुरुआत शुक्रवार से हो चुकी है। नहाय-खाय के साथ शुक्रवार को छठ पर्व की शुरुआत हो गई। शुक्रवार को श्रद्धालु महिलाओं ने व्रत रखने के साथ ही मिट्टी के चूल्हे पर प्रसाद बनाया। अरवा चावल, चने की दाल, कद्दू, लौकी की सब्जी लहसुन प्याज के बिना तैयार की। आज शनिवार को खरना पूजन के साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो चुका है। खरना पर्व को लेकर धार्मिक मान्यता है कि जो महिलाएं छठ के नियमों का पालन करती हैं, छठी माता उनकी हर मनोकामना पूरी करती हैं।

आज शनिवार को छठ पर्व का दूसरा दिन है और दिक् पंचांग के मुताबिक खरना 29 अक्टूबर को होगा। चतुर्थी प्रातः 08:13 बजे शुरू होगी, पंचमी 30 अक्टूबर को प्रातः 05:49 बजे और ब्रह्म मुहूर्त 29 अक्टूबर को प्रातः 05:02 से प्रातः 05:52 तक चलेगा। पंचांग के अनुसार खरना के दिन 29 अक्टूबर को सुबह 06:43 बजे सूर्योदय होगा और 29 अक्टूबर को शाम 06:04 बजे सूर्यास्त होगा।

ऐसे की जा रही खरना की तैयारी

जो महिलाएं खरना का व्रत रख रही है, वे छठ पर्व की तैयारी के तहत गेहूं को सूखाकर उसे जाता या मील में पिसवाया जा रहा है। महिलाएं छठ मइया के गीत भी इस दिन गाती है। इसके अलावा आज उपवास करने वाली महिलाएं घाट पर जाकर सरोवरों में डुबकी लगाकर पूजा-अर्चना करने के बाद घर लौटती है। इसके बाद शुद्ध घी में चुपड़ी रोटी, गुड़ और चावल की खीर बनाएगी। खरना का प्रसाद ग्रहण करने के लिए काफी लोग व्रतियों के घर पहुंचते हैं। नाते-रिश्तेदारों में भी वितरण किया जाता है। इसके बाद रविवार को व्रती भगवान सूर्य को घाटों पर पहला अर्घ्य देंगे। गौरतलब है कि छठ पर्व में नहाय-खाय के दिन लौकी और चने की दाल खाना शुभ माना गया है।

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