National, today pm modi diwali 2022 calibrations: digi desk/BHN/ नई दिल्ली/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर साल की तरह इस साल भी जवानों के साथ दिवाली मनाई। पीएम मोदी सोमवार सुबह करगिल पहुंचे, यहां जवानों से मिले, उनके साथ खुशियां बांटी। पीएम मोदी ने यहां अपने संबोधन में कहा, मुझे इससे बेहतर दिवाली और कहां नसीब हो सकती है। नागरिकों आतिशबाजी करते हैं, लेकिन आप लोगों की (सेना की) आतीशबाजी तो बहुत अलग होती है। यहां प्रधानमंत्री ने करगिल युद्ध का जिक्र किया और कहा कि दिवाली का मतलब है कि आतंक रूप राक्षस का अंत करना। पीएम ने कहा, ‘मेरे लिए आप सभी वर्षों से मेरा परिवार रहे हैं। आप सभी के बीच दिवाली मनाना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।
मोदी के संबोधन की बड़ी बातें
- पीएम मोदी ने कहा, मेरे लिए तो वर्षों-वर्ष से मेरा परिवार आप ही सब हैं। मेरी दीपावली की मिठास आप के बीच बढ़ जाती है, मेरी दीपावली का प्रकास आपके बीच है और अगली दिवाली तक मेरा पद प्रशस्त करता है। पाकिस्तान के साथ एक भी लड़ाई ऐसी नहीं हुई है जहां कारगिल ने विजय ध्वज न फहराया हो। सेना के जवान ही मेरा परिवार, आपके शौर्य से इस राष्ट्र का अस्तित्व अमर है। कारगिल में हमारी सेना ने आतंक के फन को कुचला था और देश में जीत की ऐसी दिवाली मनी कि लोग आज भी उसे याद करते हैं। शौर्य के अप्रतीम गाथाओं के साथ ही हमारी परंपरा, मधुरता और मिठास की भी है। इसलिए भारत अपने त्योहारों को प्रेम के साथ मनाता है।
- आज देश में अनेक सैनिक स्कूल खोले जा रहे हैं, सैनिक स्कूलों में, सैन्य ट्रेनिंग संस्थानों को बेटियों के लिए खोल दिया गया है। भारत की सेना में बेटियों के आने से हमारे ताकत में वृद्धि होने वाली है। हमारा सामर्थ्य बढ़ने वाला है। हमारी तीनों सेनाओं ने आत्मनिर्भरता का संकल्प लिया है। मैं प्रशंसा करता हूं अपनी तीनों सेनाओं की, जिन्होंने यह तय किया है कि 400 से भी अधिक रक्षा साजो-सामान अब विदेशों से नहीं खरीदी जाएगी। अब ये 400 हथियार भारत में ही बनेंगे। गर युद्ध गहराइयों में हुआ तो हरि का अंत अरिहंत है, भारत के पास पृथ्वी है, आकाश है, अगर विनाश का तांडव है तो शिव का त्रिशूल है, विनाका है। कितना भी बड़ा कुरुक्षेत्र होगा, लक्ष्य भारत का अर्जुन भेदेगा।
- हम युद्ध के विरोधी भी हैं, लेकिन शांति भी बिना सामर्थ्य के संभव नहीं होगी, हमारी सेनाओं के पास सामर्थ्य भी है, रणनीति भी है, अगर कोई हमारी तरफ नजर उठाकर देखेगा, हमारी तीनों सेनाएं दुश्मन को उसी की भाषा में मुंहतोड़ जवाब देना भी जानती है। देश के सामने, हमारी सेनाओं के सामने एक और सोच अवरोध बनकर खड़ी थी, ये सोच है गुलामी की मानसिकता, आज देश इस मानसिकता से भी छुटकारा पा रहा है।
- नरेंद्र मोदी 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री बने थे और उसी साल से देश की सुरक्षा करने वाले जवानों के बीच सरहद पर जाकर दिवाली मनाते हैं। प्रधानमंत्री उन्हें मिठाई खिलाते हैं, उनसे बार करते हैं और उनका उत्साहवर्धन करते हैं। यह नौवीं बार है जब पीएम मोदी दिवाली पर सेना के जवानों के बीच हैं। पीएम मोदी की इस पहल की देश-दुनिया में खूब तारीफ होती है।
इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ ही पीएम मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देशवासियों को दिवाली की शुभकामनाएं दी। योगी आदित्यनाथ तो अयोध्या में हैं और सुबह हनुमान गढ़ी में आरती की।