Lok adalat of electricity company after diwali exemption will be available in old cases: digi desk/BHN/इंदौर/ पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने लोक अदालत के जरिए बिजली बकाया और वसूली के पुराने प्रकरणों के निराकरण की कोशिश में जुटी है। राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 12 नवंबर को किया जाना है। बिजली कंपनी ने अधिकारियों को तैयारी करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। मुख्य सतर्कता अधिकारी कैलाश शिवा ने बताया कि लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण दिया जाएगा। कंपनी स्तर पर लगभग 25 हजार नोटिस जारी किए जाएंगे। अदालत की सफलता के लिए सभी 15 जिलों के नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। लोक अदालतों का आयोजन 44 न्यायालयों में होगा, वहां समझौते के माध्यम से प्रकरणों का समाधान किया जाएगा।लोक अदालत के दौरान पुराने प्रकरणों के निराकरण पर विशेष छूट भी दी जाएगी। छूट की घोषणा होना अभी बाकी है। लोक अदालत में विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 एवं 135 के तहत दर्ज बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरणों में समझौता होने पर छूट दी जाती है। हालांकि माना जा रहा है कि प्री लिटिगेशन के माध्यम से निराकरण के लिए निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, पांच किलोवाट तक के गैर घरेलू एवं 10 अश्व शक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को छूट का ऐलान होगा।
प्री लिटिगेशन स्तर सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी, जबकि लिटिगेशन स्तर के प्रकरणों में आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी। इससे पहले कंपनी अगस्त में लोक अदालत का आयोजन कर चुकी है। अगस्त में कंपनी के 3175 प्रकरण निराकृत हुए थे। नियमानुसार करीब 1.20 करोड़ की छूट उपभोक्ताओं, प्रकरणों के निराकरण पर दी गई है।
लोक अदालत के दौरान कंपनी को 4.80 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था। इस बार भी कंपनी क्षेत्र के 425 जोन, वितरण केंद्रों, कार्यालयों के जरिए उपभोक्ताओं को नोटिस देकर इतना ही राजस्व जुटाने की उम्मीद कर रही है।