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MP: द्वादश ज्योतिर्लिंगों का विकास भारत की आध्यात्मिक ज्योति और सांस्कृतिक दर्शन का विकास: PM मोदी

Development of 12 jyotirlingas development of india spiritual light and cultural philosophy pm modi: digi desk/BHN/उज्जैन/ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उज्जैन में नवनिर्मित महाकाल लोक का लोकार्पण किया। इससे पहले उन्होंने महाकाल मंदिर में दर्शन-पूजन किया। कार्तिक मेला ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि द्वादश ज्योतिर्लिंगों का विकास भारत की आध्यात्मिक ज्योति और सांस्कृतिक दर्शन का विकास है। विश्व को शांति, मानवता के कल्याण और शिक्षा की राह भारत ने ही दिखाई है।

प्रधानमंत्री ने संबोधन की शुरुआत हर-हर महादेव और जय श्री महाकाल के उद्घोष से की। उन्होंने कहा कि देश ने गुलामी के दौर में जो कुछ खोया है, अब उसे फिर से प्राप्त किया जा रहा है। हमारे ऐतिहासिक गौरव की पुनर्स्थापना हो रही है। इसका लाभ सिर्फ भारत ही नहीं पूरे विश्व को मिलेगा।

उज्जैन और महाकाल लोक के महात्म्य को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वर्ष 2016 के सिंहस्थ में मुझे भी उज्जैन आने का सौभाग्य मिला। तब मां शिप्रा के तट पर कई विचार मन में आए, जिसमें महाकाल लोक की भी कल्पना शामिल थी, जो आज साकार हो गई। जब महाकाल प्रसन्न होते हैं तो ऐसा ही भव्य स्वरूप साकार होता है। महाकाल लोक की भव्यता समय की सीमा से परे है, जो भावी पीढ़ियों को राष्ट्र के गौरवशाली इतिहास से परिचित कराएगा ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि महाकाल की नगरी प्रलय के प्रहार से मुक्त है, इसका आरंभ है न अंत, बल्कि अनंत है। उज्जैन भारत के केंद्र में है। यह आस्था का केंद्र रहा है। विक्रम संवत के रूप में भारतीय कालगणना उज्जैन की ही देन है।

संपूर्ण भारत में स्थापित प्राचीन मंदिरों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन मंदिरों को देखते हैं, तो इनकी विशालता और वास्तुकला आश्चर्य से भर देती है। कोणार्क, तंजौर, रामेश्वरम, विल्लूर, मदुरै, तेलंगाना श्रीनगर में स्थापित ऐसे विभिन्न मंदिरों में बेजोड़ कल्पनातीत रचनाएं बनी हैं, जो भूतो न भविष्यति के उदाहरण हैं। इन मंदिरों को देखकर हम सोचने को मजबूर हो जाते हैं कि उस दौर में किस तकनीक से इन्हें कैसे बनाया गया होगा।

सफेद धोती पहनकर महाकाल की पूजा, ध्यान-जप किया

उज्जैन पहुंच कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सबसे पहले महाकाल मंदिर में गए। उन्होंने सफेद धोती पहनी थी, जिससे पूरा शरीर ढंका था। प्रधानमंत्री शाम 6.03 बजे मंदिर परिसर में पहुंचे और 6.35 बजे बाहर निकले। इस दौरान गर्भगृह में आचार्यों के निर्देशन में विधि-विधान से महाकाल की पूजा की। पूजन के बाद प्रधानमंत्री ने गर्भगृह में ही दूसरी दिशा में बैठकर रूद्राक्ष माला पर जप किया, इसके बाद करीब पांच मिनट तक ध्यान किया। पूजन और ध्यान के बाद प्रधानमंत्री मोदी नंदी हाल में पहुंचे और दानपेटी में गोपनीय तौर पर धनराशि दान की। प्रधानमंत्री मोदी के साथ परिसर में राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया थे, जो पूजन के दौरान नंदी हाल में उपस्थित थे।

लेक्ट्रिक वाहन से महाकाल लोक को देखा

प्रधानमंत्री ने रिमोट कंट्रोल के माध्यम से शिवलिंग का पर्दा हटाकर महाकाल लोक का लोकार्पण किया। यहां नरेन्द्र मोदी कुर्ता, पायजामा और जैकेट में दिखे। इस दौरान प्रधानमंत्री ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री के साथ इलेक्ट्रिक वाहन से महाकाल लोक को देखा। मुख्यमंत्री शिवराज ने प्रधानमंत्री मोदी को पूरे महाकाल लोक की विस्तृत जानकारी दी। लोकार्पण के अवसर पर महाकाल लोक में कलाकारों ने भी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं।

उज्जैन के क्षण-क्षण में इतिहास

उज्जैन के क्षण-क्षण में पल-पल में इतिहास सिमटा हुआ है। कण-कण में अध्यात्म समाया हुआ है। कोने-कोने में ईश्वरीय ऊर्जा संचारित हो रही है। यहां कालचक्र का 84 कल्पों का प्रतिनिधित्व करते 84 शिवलिंग हैं। यहां चार महावीर हैं। छह विनायक हैं। आठ भैरव हैं। अष्टमातृकाएं हैं। नवग्रह हैं। दस विष्णु हैं। ग्यारह रुद्र हैं। बारह आदित्य हैं। 24 देवियां हैं। 88 तीर्थ हैं।

मोदी की शिव भक्ति, महाकाल मंदिर के गर्भगृह में रुद्राक्ष की माला से किया मंत्र जाप

विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में मंगलवार शाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भगवान महाकाल की पूजा अर्चना की। शिव भक्ति में रमे प्रधानमंत्री मोदी ने पुजारी पं.घनश्याम शर्मा के आचार्यात्व में भगवान महाकाल के सम्मुख बैठकर पंचोपचार, षोडषोपचार पूजन किया। इसके बाद ज्योतिर्लिंग की अर्ध परिक्रमा करते हुए कुछ देर ध्यान लगाने के बाद रूद्राक्ष की माला से मंत्र जाप किया।

शाम करीब 6 बजकर पांच मिनट पर मंदिर पहुंचे नरेन्द्र मोदी नंदी मंडपम् में आए। सबसे पहले उन्होंने भगवान नंदीजी का प्रणाम किया इसके बाद गर्भगृह में पहुंचे। गर्भगृह में भगवान महाकाल के सम्मुख बैठकर उन्होंने पूजन की शुरुआत की। पुजारी पं.घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में मोदी ने आवाहन, स्थापन, आसन, पाद्य, आचमन, स्तुति के पश्चात भगवान गणेश, माता पार्वती तथा भगवान कार्तिकेय को प्रणाम किया। इसके बाद पुजारी ने उन्हें चंदन का त्रिपुंड, कुमकुम का तिलक तथा रुद्राक्ष की माला पहनाई।

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में समृद्ध और शक्तिशाली भारत का हो रहा निर्माण- शिवराज सिंह

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में समृद्ध और शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है। श्री महाकाल लोक की नींव सिंहस्थ 2016 में पड़ी थी। तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आए थे और उन्होंने कहा था कि सिंहस्थ में स्नान होता है पर इससे आगे बढ़कर होना चाहिए। तभी विचार आया था। मंथन हुआ और उसमें जो निष्कर्ष निकला, उसी दिन महाकाल लोक की नींव पड़ गई थी। आज मंगलवार को प्रधानमंत्री ने श्री महाकाल लोक का समर्पण महाकाल महाराज को ही किया है। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्री महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद कार्तिक मेला मैदान पर आयोजित सभा में कही।

उन्होंने कहा कि आज पूरे प्रदेश और देश में आनंद बरस रहा है। श्री महाकाल लोक अद्भुत है। हमारा इतिहास पांच हजार साल पुराना है। विश्व का कल्याण हो और सबका मंगल हो, दुनिया को यह संदेश देने वाला हमारा देश है। स्वामी विवेेकानंद ने जो कहा था उसे पूरा करने का काम नरेन्द्र मोदी कर रहे हैं। हमारे वेद, उपनिषद, गीता का ज्ञान, योग और आयुर्वेद पूरी दुनिया में प्रधानमंत्री लेकर गए हैं। समृद्ध और शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है। श्री महाकाल लोक तैयार करने का निर्णय 2018 की कैबिनेट निर्र्णय लिया था। 2019-20 में थोड़ी रुकावट आई और फिर 2020 में काम में तेजी आई। आज श्री महाकाल लोक का लोकार्पण हो रहा है।

कैलाश खेर ने सुनाया महाकाल स्तुति गान, दर्शक भी झूमे, नाचे और गुनगुनाए

‘श्री महाकाल लोक’ के लोकार्पण समारोह में प्रसिद्ध गायक पद्मश्री कैलाश खेर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष अपनी विशिष्ट शैली में झूमते-नाचते स्वचरित ‘महाकाल स्तुति गान ‘.. जय श्री महाकाल’ गाया। उनके साथ दर्शक भी झूमे, नाचे और गुनगुनाए। उन्होंने भगवान शिव पर केंद्रित अन्य गीत भी सुनाएं।

कार्तिक मेला मैदान पर हुई जनसभा में उन्होंने प्रस्तुति के बाद उद्बोधन में कहा कि संगीत और आध्यात्‍म को एक साथ लाना, इकठ्ठा करना ख्वाब था हमारा, मगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कर दिखाया। मैं नमन करता हूं। ये ऐतिहासिक पल है। श्री महाकाल लोक, उज्जैन वो नगरी है जो सप्त ऋषियों ने बसाई है।

रामघाट पर हुई मां शिप्रा की भव्य आरती, लेजर शो

रामघाट पर मां शिप्रा की भव्य आरती की गई। यहीं महादेव आधारित लेजर शो भी किया गया। यहीं भव्य आतिशबाजी भी की गई। ये अद्भुत नजारा देख देशभर से जुटे श्रद्धालु आनंदित हुए। उत्साह से भर कईयाें ने इस खुबसूरत पल को अपने मोबाइल में फोटो-वीडियो बनाकर कैद किया।

टावर चौक पर भी हुई आतिशबाजी

टावर चौक पर भी प्रशासन ने आतिशबाजी कराई। तकरीबन आधे घंटे तक हुई आतिशबाजी से पूूरा आकाश सज गया। ये खूबसूरत नजारा देखने को राह से गुजरते कई लोग ठहर गए।

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