अनूपपुर, भास्कर हिंदी न्यूज़/ प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि आदिवासी समाज के लिए यह सुनहरा युग है। इस युग में आदिवासी समाज के लोग अच्छी शिक्षा ग्रहण कर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं मध्यप्रदेश का राज्यपाल हूं पर मैं आदिवासी समाज से हूं। देश की राष्ट्रपति द्रोपती मुर्म भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं, जिन पर आदिवासी समाज को गर्व है। उन्होंने कहा, मैं जिस आदिवासी बाहुल्य ग्राम पंचायत में जन संवाद कर रहा हूं, इस ग्राम पंचायत की सरपंच आदिवासी महिला है, यह जानकर मुझे बेहद खुशी हुई। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज पढ़ लिखकर आगे बढ़ रहा है और यह युग आदिवासी समाज का सुनहरा युग है। राज्यपाल मंगु भाई पटेल आज शहडोल संभाग के अनूपपुर जिले के ग्राम चचानडीह में आयोजित जन संवाद कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
इस मौके पर उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि सिकल सेल और टीवी रोग के प्रति जागरूकता फैलाने के पवित्र कार्य में सहभागी बने। उन्होंने कहा कि सिकलसेल और टीवी की बीमारी के लिए शासन स्तर से भी प्रयास किए जा रहे हैं, किन्तु इसमें सामाजिक जागरूकता आवश्यक है। राज्यपाल ने कहा कि आदिवासी समाज मेहनतकश समाज है। आदिवासी समाज किसी की दया पर जीने वाला समाज नहीं है, आवश्यकता इस बात कि है आदिवासी समाज की ताकत को नई दिशा मिले, इससे आदिवासियों की प्रगति और उन्नति का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे अपने बच्चों को आंगनबाड़ी और स्कूल भेजें, बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाकर कलेक्टर, डॉक्टर, इंजीनियर बनाएं, शासन द्वारा विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं, इन योजनाओं का लाभ लेकर अपने बच्चों को खूब पढ़ाएं। राज्यपाल ने कहा कि नशा एवं धूम्रपान जैसे दुर्व्यसनों से दूर रह कर बच्चों को अच्छी शिक्षा दें और बच्चों को बढ़ने के लिए अच्छा वातावरण भी दें।
वृद्धावस्था पेंशन योजना में बीपीएल कार्ड में नाम की अनिवार्यता समाप्त किए जाने मांग
जनसंवाद के दौरान ग्राम पंचायत बसनिहा सरपंच ने वृद्धावस्था पेंशन योजना में गरीबी रेखा में नाम दर्ज होने की अनिवार्यता समाप्त किए जाने की मांग रखी है बताया गया कि योजना के लिए पात्रता रखने वाले अधिकांश हितग्राहियों को इसलिए पेंशन नहीं मिल पा रही है क्योंकि उनका नाम बीपीएल में नहीं है जिससे पोर्टल में नाम पंजीयन नहीं हो पा रहा है इसलिए नाम का प्रतिबंध हटाया जाए जिसपर राज्यपाल ने कहा कि केंद्र सरकार का यह मसला है फिर भी वह चर्चा करेंगे। इसी तरह चचानडीह गांव से करीब 6 किलोमीटर दूर दूसरे गांव तक आवागमन के लिए सड़क की मांग रखी गई।
ग्राम गढ़ीदादर की गुलाबवती बैगा ने राज्यपाल को बताया कि गांव में अस्पताल नहीं है, जिसके कारण गांव के लोगों को परेशानी होती है। गांव में स्वास्थ्य केन्द्र बनाया जाए तथा बैगा समुदाय लोगों को स्वरोजगार से जोड़ा जाए। जनसंवाद में ग्राम चचाड़ीह के लोगों ने बताया कि हमारे मोहल्ले में पानी की सुविधा नहीं है, तालाब में कचरा भरा हैं, नल जल योजना का पानी हमारे घरों तक नही पहुंच रहा है। ग्राम पंचायत बोदा के चार मोहल्लों में बिजली नहीं है, ग्रामीणों ने गांव में बालक छात्रावास प्रारंभ करने की मांग राज्यपाल से की। ग्रामीणों की मांग की पर राज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्रामीणों की मांग का परीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही करें।
सबनी बैगा के घर पर राज्यपाल ने कुटकी भात, मक्का ज्वार की रोटी और चकौड़ा की सब्जी खायी
प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल जिले के प्रवास दौरान दूसरे दिन सोमवार को पुष्पराजगढ़ तहसील के बैगा बाहुल्य ग्राम चचानडीह पहुंचे ग्रामीणों से मुलाकात करने और समस्या सुनने के बाद गांव की प्रधानमंत्री आवास हितग्राही सबनी बाई पति वनसराम बैगा के घर पर जाकर जनजाति परंपरागत भोजन ग्रहण किया। इस दौरान घर के आंगन में राज्यपाल को भोजन परोसा गया, जिसमें चकौड़ा की भाजी, कुम्हड़ा एवं लौकी की सब्जी, उड़द की दाल, मक्का एवं ज्वार की रोटी, कुटकी का भात, फूटा मक्का का पेज, पताली चटनी, खीरा का रायता एक थाली में परोसा गया।
भोजन के दौरान सभी पात्र थाली, गिलास, लोटा कांस फूल के थे। पहले पटेल के ऊपर माहुल के पत्तल को बिछाया गया फिर उसके ऊपर थाली लगाकर भोजन सामग्री रखी गई थी। भोजन करने के बाद राज्यपाल ने बने भोजन की प्रशंसा की और वनस राम के पूरे परिवार को एक फल की टोकरी भेंट की। वनस राम ने भी अतिथि के रूप में घर पर भोजन किए राज्यपाल को मां नर्मदा की मढ़ी हुई तस्वीर और साल भेंट की। इस दौरान शहडोल संभाग के कमिश्नर, आईजी, अनूपपुर कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक मौजूद रहे और उन्होंने भी आदिवासी कल्चर का भोजन ग्रहण किया। भोजन के दौरान सबनी बाई, वनस राम बैगा, उनकी बेटी भी एक साथ संगत में बैठे। भोजन परिवार के सदस्यों द्वारा परोसा गया।
चौपाल लगाकर राज्यपाल ने सुनीं गांव के लोगों की समस्याएं
ग्राम चचानडीह में आयोजित जन संवाद कार्यक्रम में चौपाल लगाकर राज्यपाल ने गांव के लोगों की समस्या सुनी और मौके पर मौजूद अधिकारियों और कलेक्टर को निर्देशित किया कि समस्याओं को देखें। इस दौरान कुछ हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ भी राज्यपाल द्वारा दिया गया। शिविर में पंचायत क्षेत्र की एक महिला ने गर्मी के दिनों में पानी की समस्या आने पर नाले का पानी उपयोग करने की बात बताई, जिस पर राज्यपाल ने लोक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पानी की समस्या दूर करने कहा। इसी तरह चचानडीह गांव से करीब छह किलोमीटर दूर दूसरे गांव तक आवागमन के लिए सड़क की मांग रखी गई। ग्रामीणों ने इस दौरान इलाज की समस्या बताईं और स्वास्थ्य केंद्र खोले जाने की मांग रखी। गांव का विद्युतीकरण कराए जाने की भी मांग ग्रामीणों ने रखी। राज्यपाल कलेक्टर को बुलाकर ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण संबंधित विभाग के अधिकारियों से कराए जाने के लिए कहा। जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान जिले के विभिन्न स्थानों से आए लोगों ने अपनी अपनी समस्याओं के आवेदन पत्र सौंपे। जनसंवाद शिविर में जिले और संभाग के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
बैगा छात्रावास के बालकों से राज्यपाल ने की चर्चा
अमरकंटक से ग्राम चचानडीह जाते समय राज्यपाल मंगुभाई पटेल पुष्पराजगढ़ तहसील के आदिवासी बालक बैगा आश्रम गढ़ीदादार पहुंचे और निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान राज्यपाल ने अध्ययनरत छात्रों से चर्चा की। चर्चा के दौरान राज्यपाल ने छात्रों से कहा, वे अच्छी शिक्षा ग्रहण करें और वो आगे बढ़े। राज्यपाल ने छात्रों के साथ भारत माता की जय और वंदे मातरम के जयकारे लगाए।
लोक नृत्य कलाकारों ने राज्यपाल का किया स्वागत
प्रदेश के राज्यपाल अपने दो दिवसीय अनूपपुर जिले में प्रवास के दूसरे दिन सोमवार को पुष्पराजगढ़ तहसील के ग्राम चचानडीह पहुंचे तो गांव के लोक कलाकारों द्वारा रंगारंग लोक नृत्य कर्मा की प्रस्तुति वाद्य यंत्रों के माध्यम से दी।