SCO Summit 2022: digi desk/BHN/शंघाई/ शंघाई सहयोग संगठन (SCO Summit 2022) के सदस्य देशों के बैठक में आज पीएम मोदी ने कहा कि SCO के सदस्य देश, वैश्विक गिनती में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देते हैं और विश्व की 40 प्रतिशत जनता भी SCO देशों में निवास करती है। भारत SCO सदस्यों के बीच अधिक सहयोग और आपसी विश्वास का समर्थन करता है।
उज्बेकिस्तान के समरकंद में SCO शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम भारत को एक विनिर्माण हब बनाने पर प्रगति कर रहे हैं। इस वर्ष भारत की अर्थव्यवस्था में 7.5% वृद्धि की आशा है जो विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक होगी। हम जन-केंद्रित विकास मॉडल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। PM नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम प्रति क्षेत्र में नवाचार का समर्थन कर रहे हैं। आज भारत में 70,000 से अधिक स्टार्ट-अप हैं जिनमें 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि भारत स्टार्टअप्स और इनोवेशन पर एक स्पेशल वर्किंग ग्रुप की स्थापना करके SCO के सदस्य देशों के साथ अपना अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं।
दो साल बाद हो रही बैठक
गौरतलब है कि बीते 2 साल से कोरोना महामारी के कारण एससीओ समिट नहीं हो पाई थी। उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव से मुलाकात की। शिखर सम्मेलन के दौरान नेताओं से एससीओ की गतिविधियों की समीक्षा करने और भविष्य में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की।
मोदी-पुतिन मुलाकात में दिखा दोस्ताना माहौल, कई गंभीर मुद्दों पर भी हुई चर्चा
समरकंद में SCO शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के वार्षिक शिखर सम्मेलन से इतर बातचीत की। दोनों के बीच आपसी सहयोग के अलावा यूक्रेन युद्ध और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा हुई। खास बात ये रही कि माहौल काफी दोस्ताना रहा। पुतिन ने पीएम मोदी को बिना ‘हैप्पी बर्थडे’ बोले जन्मदिन की शुभकामना भी दी। पीएम मोदी ने इस बातचीत के बारे में कहा कि राष्ट्रपति पुतिन के साथ शानदार मुलाकात हुई। हमें व्यापार, ऊर्जा, रक्षा और अन्य क्षेत्रों में भारत-रूस सहयोग को आगे बढ़ाने पर चर्चा करने का अवसर मिला। हमने अन्य द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की। आपको बता दें कि इस साल फरवरी में यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात है।
पीएम मोदी ने कहा
हम पिछले कई दशकों से हर पल एक दूसरे के साथ रहे हैं। लगातार दोनों देश इस क्षेत्र की भलाई के लिए काम कर रहे हैं। आज SCO समिट में भी आपने भारत के लिए जो भावनाएं व्यक्त की हैं उसके लिए मैं आपका आभारी हूं।
मैं आपका और यूक्रेन का आभार व्यक्त करना चाहूंगा कि संकट के काल में शुरू में जब हमारे हज़ारों छात्र यूक्रेन में फंसे थे। आपकी और यूक्रेन की मदद से हमारे छात्रों को हम निकाल पाए।
आज का युग युद्ध का नहीं है। हमने फोन पर आपके कई बार इस बारे में बात भी की है कि लोकतंत्र कूटनीति और संवाद दुनिया को एक स्पर्श करती हैं।
आज भी दुनिया के सामने जो सबसे बड़ी समस्याएं हैं, खासकर विकासशील देशों के लिए फूड सिक्योरिटी, फ्यूल सिक्योरिटी, उर्वरकों की जो समस्याएं हैं, उसपर हमें रास्ते निकालने होंगे। आपको भी उसपर पहल करनी होगी।
राष्ट्रपति पुतिन ने क्या कहा
मैं यूक्रेन संघर्ष पर आपकी स्थिति जानता हूं। मैं आपकी चिंता समझता हूं। मैं जानता हूं कि आप इन चिंताओं को समझते हैं। हम चाहते हैं कि ये संकट जितना जल्दी हो सके खत्म हो।
लेकिन जो दूसरी पार्टी है- यूक्रेन, वे संवाद प्रक्रिया में शामिल ही नहीं होना चाहते हैं। वे अपने लक्ष्यों को युद्ध के मैदान में हासिल करना चाहते हैं। हम इस बारे में पूरी गतिविधि से आपको अवगत कराते रहेंगे।
दो दिन पहले मैंने यूएन महासचिव को बताया था कि यूरोपीय संघ के बंदरगाहों में 3,00,000 टन रूसी उर्वरक जमा किए गए हैं। हम इसे विकासशील देशों को मुफ्त में देने के लिए तैयार हैं।
इसके बाद राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मेरे प्यारे दोस्त, आप कल अपना जन्मदिन मनाने वाले हैं। रूसी परंपरा के अनुसार हम एडवांस में हैप्पी बर्थडे नहीं कहते हैं। लेकिन हम आपको और हमारे मित्र देश भारत को शुभकामनाएं देते हैं। हम आपके नेतृत्व में भारत के लिए समृद्धि की कामना करते हैं।