Shradh 2022 pitru paksha is starting in panchaks do not do this work even by forgetting for 15 days: digi desk/BHN/ नई दिल्ली/ श्राद्ध या पितृ पक्ष के दौरान शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है। आज 10 सितंबर से पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष शुरू हो रहे हैं। वहीं इससे पहले 8 और 9 सितंबर 2022 की मध्यरात्रि से पंचक प्रारंभ हो चुके हैं। हिंदू धर्म और ज्योतिष के अनुसार पितृ पक्ष और पंचक के दौरान कोई भी शुभ कार्य करने के मनाही होती है। श्राद्ध के 15 दिन और पंचकों के 5 दिन के दौरान किए गए शुभ काम भी अशुभ फल देने लगते हैं। इस समय अवधि में कुछ खास कार्य ऐसे भी होते हैं जिन्हें भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
नहीं किए जाते शुभ कार्य
अगले 15 दिनों तक कोई भी शुभ कार्य जैसे गृह प्रवेश, घर-गाड़ी, गहने खरीदना, मुंडन, शादी-विवाह, नए काम की शुरुआत आदि नहीं करने चाहिए। पंचकों में किए जाने वाले शुभ कार्य अशुभ फल देते हैं। यहां तक की मृत्यु के लिए भी पंचकों को अशुभ माना गया है। रावण का वध भी पंचकों में ही हुआ था। पंचकों में मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार के दौरान विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं। वहीं पितृ पक्ष या श्राद्ध का समय पूर्वजों के प्रति सम्मान प्रकट करने का होता है। इस दौरान जश्न मनाना उचित नहीं माना जाता है। इससे पितृ नाराज हो जाते हैं। इसलिए 25 सितंबर तक कुछ काम न करें।
- इस दौरान कोई भी शुभ कार्य न करें। ना ही किसी नए काम की शुरुआत करें।
- पंचकों के दौरान घर की छत डलवाना या लकड़ी का सामान खरीदना, ईंधन इकट्ठा करना अशुभ होता है।
- इस समय अवधि में तामसिक भोजन जैसे लहसुन, प्याज, मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए। न ही कोई नशा करना चाहिए।
- दाढ़ी बनवाना, बाल कटवाना या सौंदर्य के कोई सामान खरीदना भी अच्छा नहीं माना जाता है।
16 साल बाद बनेगा खास संयोग
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के साथ ही पितृपक्ष शुरू हो गया है। श्राद्ध पक्ष आज यानी कि 10 सितंबर शनिवार से शुरू होकर 25 सितंबर रविवार को समाप्त हो जाएंगे। इसके साथ ही इस बार पितृ पक्ष काफी खास रहने वाला है। इस बार पितृ पक्ष 15 दिनों के बजाय पूरे 16 दिन के हैं। ज्योतिष के अनुसार ऐसा संयोग करीब 16 साल के बाद आया है। इसे 16 श्राद्ध भी कहा जाता है। 25 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या के साथ ही पितृपक्ष समाप्त होंगे। पितृपक्ष के दौरान पितरों का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। माना जाता है कि इन दिनों पितरों का श्राद्ध करने से वे जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। साथ ही सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इसके साथ ही पितृदोष जैसी समस्याएं भी समाप्त हो जाती है।
कब होगा किसका श्राद्ध
- 10 सितंबर 2022 – पूर्णिमा का श्राद्ध, प्रतिपदा का श्राद्ध – जिन बुजुर्गों की मृत्यु प्रतिपदा को हुई है उनका श्राद्ध इस दिन किया जाएगा।
- 11 सितंबर 2022 – द्वितीया का श्राद्ध, जिन लोगों की मृत्यु द्वितीया तिथि को हुई हो। उनका श्राद्ध किया जाएगा।
- 12 सितंबर 2022 – तृतीया का श्राद्ध, जिन लोगों की मृत्यु तृतीया तिथि को हुई है। उनका इस दिन श्राद्ध होगा।
- 13 सितंबर 2022 – चतुर्थी का श्राद्ध, चतुर्थी तिथि के दिन जिन लोगों की मृत्यु हुई थी इस दिन इन लोगों का श्राद्ध होगा।
- 14 सितंबर 2022 – पंचमी का श्राद्ध, अविवाहित या पंचमी तिथि के दिन जिन लोगों की मृत्यु हुई इस दिन उन लोगों का श्राद्ध किया जाएगा।
- 15 सितंबर 2022 – षष्ठी का श्राद्ध – षष्ठी तिथि के दिन जिन लोगों की मृत्यु हुई थी उनका इस दिन श्राद्ध होगा।
- 16 सितंबर 2022 – सप्तमी का श्राद्ध – सप्तमी तिथि के दिन जिन लोगों की मृत्यु हुई थी इस दिन उन लोगों का श्राद्ध किया जाएगा।
- 17 सितंबर 2022 – इस दिन कोई श्राद्ध नहीं किया जाएगा।
- 18 सितंबर 2022 – अष्टमी तिथि का श्राद्ध – जिन लोगों की मृत्यु अष्टमी तिथि के दिन हुई थी उनका श्राद्ध किया जाएगा।
- 19 सितंबर 2022 – नवमी का श्राद्ध, सुहागिन महिलाएं, माताओं का श्राद्ध इस दिन किया जाता है। इस कारण से इसे मातृ नवमी श्राद्ध कहा जाता है।
- 20 सितंबर 2022 – दशमी का श्राद्ध – दशमी तिथि के दिन जिन लोगों की मृत्यु हुई थी उनका श्राद्ध इस दिन होगा।