राइट टाउन स्थित सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल का पंजीयन भी निरस्त
जबलपुर/सतना/ मैहर, भास्कर हिंदी न्यूज़/ डॉ. अश्विनी पाठक होटल वेगा में मरीजों को भर्ती कर रहे थे और केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना के तहत उनके इलाज के बदले सरकार से भुगतान ले रहे थे। कार्यवाही के समय पुलिस को होटल में करीब 35 से अधिक मरीज मिले थे। अस्पताल की तरह होटल में पलंग, ऑक्सीजन के पाइप और दिखावे की कई व्यवस्थाएं थीं। मरीज के रूप में जो लोग मिले वह सभी आयुष्मान भारत योजना के कार्डधारी निकले।
डॉक्टर अश्वनी पाठक 1999 में किडनी बेचने के आरोप व जमीन के हेरा-फेरी में भी जा चुके है जेल!
छापेमारी के बाद पता चला कि अस्पताल अब तक 98 करोड़ 82 लाख रुपये का आयुष्मान का पैसा स्वीकृत करवा चुका है। होटल में मरीज भर्ती कर सरकार से आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज के पैसे वसूलने के मामले में गिरफ्तार डाक्टर अश्वनी पाठक मैहर निवासी बताये जा रहे है । सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल संचालिका डॉ. दुहिता पाठक और उनके पति डॉ. अश्विनी पाठक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 419, 420, 467, 468, 471, 474 और मप्र उपचार्थ गृह और रुजोपचार्य संबंधी स्थापना अधिनियम की धारा 8 व 10 के तहत मामला दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार किया गया है, व आयुष्मान योजना में डमी मरीजों को भर्ती करने के आरोप में फर्जी मरीजों को भर्ती करके आयुष्मान योजना का अनाधिकृत लाभ उठाने के आरोप में राइट टाउन स्थित सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल का पंजीयन भी निरस्त कर दिया गया है। 1999 में किडनी बेचने के आरोप व 2000 में मुंबई में जमीन के हेरा फेरी में डॉक्टर अश्वनी पाठक जा चुके है जेल। इसके पहले कोरोना काल मे भी डाक्टर पर 2 मामले दर्ज हो चुके है।