Ganesh puja controversy over puja at idgah ground in bengaluru congress leader kapil sibal says will lead to communal tension: digi desk/BHN/बेंगलुरु/ बेंगलुरु के ईदगाह मैदान गणेश पूजा की अनुमति देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की बेंच में सहमति नहीं बन पाई है। अब इस मुद्दे पर चीफ जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच में फैसला होगा। दरअसल, कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने सरकार द्वारा ईदगाह मैदान में गणेश पूजा को दी गई अनुमति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वक्फ बोर्ड की ओर से वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल पैरवी कर रहे हैं। सुनवाई के शुरू में कपिल सिब्बल ने कहा कि यह जमीन 100 साल से वक्फ बोर्ड के पास है। इसलिए यहां गणेश पूजा की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इस पर कोर्ट ने पूछा कि ऐसा है तो आपने गणतंत्र दिवस कार्यक्रम के लिए जमीन क्यों दी?
यह पूरा मामला बेंगलुरु के चामराजपेट स्थित ईदगाह मैदान का है। यहां गणेश चतुर्थी उत्सवों को अनुमति देने संबंधी कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को राज्य के वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
कपिल सिब्बल की दलीलें
वक्फ बोर्ड की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया और तत्काल सुनवाई की मांग की। सिब्बल ने कहा कि क्षेत्र में अनावश्यक धार्मिक तनाव पैदा किया जा रहा है। संक्षिप्त सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत मामले पर मंगलवार को सुनवाई के लिए तैयार हो गई। सुनवाई से पहले कपिल सिब्बल ने कहा था कि इससे साम्प्रदायिक तनाव फैलेगा।
पिछले हफ्ते हाई कोर्ट ने ईदगाह मैदान में गणेशोत्सव की अनुमति प्रदान करते हुए कहा था कि सरकार वहां उत्सव की अनुमति प्रदान कर सकती है। राज्य सरकार ने यथास्थिति बनाए रखने के 25 अगस्त के अंतरिम आदेश को चुनौती देते हुए अपील दाखिल की थी। हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेश में संशोधन किया और राज्य सरकार को धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए मैदान के सीमित अवधि के लिए इस्तेमाल संबंधी आवेदन पर विचार करने और उचित आदेश जारी करने की अनुमति प्रदान कर दी थी।
हिंदू संगठनों बोले- क्यों न मिले गणेश पूजा की अनुमति
इस मामले में हिंदू संगठनों का कहना है कि सार्वजनिक स्थानों पर जुमे की नमाज की अनुमति है, मुहर्रम के जुलूस के लिए सड़कें अवरुद्ध हो रही हैं लेकिन गणेश चतुर्थी मनाए जाने पर आपत्ति है। ईदगाह में नमाज पढ़ी जा सकती है तो गणेश पूजा क्यों नहीं हो सकती।