छतरपुर, भास्कर हिंदी न्यूज़/ जिले के 17 सरकारी हाईस्कूल, हायर सेकंडरी स्कूलों में स्मार्ट कक्षा बनाने के लिए कई गई खरीदी अब विवादों में घिर गई है। इस खरीदी को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी हरीशचंद्र दुबे और एपीसी रामहित व्यास को सागर कमिश्नर मुकेश कुमार शुक्ला ने नोटिस जारी किए हैं। कमिश्नर ने जिला शिक्षा अधिकारी से 10 दिन में जवाब मांगा है। साथ ही आरोप पत्र भी जारी किया है। खरीदी में गड़बड़ी की शिकायत और कमिश्नर के नोटिस के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि उन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं।
40 लाख से ज्यादा की खरीदारी
छात्रों को बेहतर शिक्षा देने के लिए संचालनालय के निर्देश पर जिले के 17 स्कूलों में स्मार्ट क्लास बनाई जाना थी। इसके लिए प्रत्येक स्कूल में 2.40 लाख के मान से जिले में कुल 40 लाख 80 हजार रुपये की खरीद की गई है। इसको लेकर जिला शिक्षा अधिकारी हरीशचंद्र दुबे, एपीसी रामहित व्यास पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए सागर कमिश्नर से शिकायत की गई। सागर कमिश्नर मुकेश कुमार शुक्ला ने नोटिस जारी करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी को आरोप पत्र जारी किया है। आरोप पत्र में शिकायत की बिंदुवार जवाब मांगे गए हैं।
यह भी आरोप
जिले को 17 हायर सेकंडरी स्कूलों में स्मार्ट क्लास की राशि दो लाख 40 हजार रुपये प्रति विद्यालय स्वीकृत की गई थी। इस राशि से संचालनालय के निर्देशों के मुताबिक स्पेशिफिकेशन के अनुरूप स्कूल में दो लैपटाप, दो स्मार्ट टीवी क्रय की जाना थीं। जिला शिक्षा अधिकारी हरिश्चंद्र दुबे ने संचालनालय के निर्देशों को दरकिनार कर अपनी मनमानी की है। आइटी सेल के कर्मचारियों के माध्यम से 17 में से 10 प्राचार्यों के पोर्टल की आइडी पासवर्ड जेम्स पोर्टल पर अपलोड करने के बहाने से लेकर जेम्स पोर्टल पर स्कूलों के आर्डर जनरेट किए। हालांकि इन आरोपों को जिला शिक्षा अधिकारी ने सिरे से खारिज किया है।
लगाए गए आरोप
– 17 शासकीय हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों में स्मार्ट क्लास की स्थापना हेतु लोक शिक्षण संचालनालय मप्र भोपाल के उक्त पत्र दिनांक चार जनवरी 2022 से दिए गए निर्देशों का अनुपालन नहीं करते हुए उपकरण क्रय की दूषित प्रक्रिया अपनाते हुए अपात्र फर्मों को कार्यादेश दिया जाना।
– 17 शासकीय हाई स्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों में स्मार्ट क्लास की स्थापना हेतु सामग्री क्रय की कार्रवाई में अनियमितता बरतते हुए निर्धारित स्पेसिफिकेशन अनुसार सामग्री क्रय नहीं किया जाना।
– 17 शासकीय हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों में स्मार्ट क्लास की स्थापना हेतु लोक शिक्षण संचालनालय के निर्देशानुसार क्रय की गई सामग्री के भौतिक सत्यापन और तकनीकी सत्यापन को कार्रवाई में अनियमितता बरतते हुए अग्रिम रूप में भुगतान हेतु देयक प्राप्त कर भुगतान किया जाना।
इनका कहना है
जिले के 17 स्कूलों में स्मार्ट क्लास के लिए प्रत्येक स्कूल में 2 लाख 40 हजार रुपये के मान से 65 इंच के दो स्मार्ट टीवी, दो लैपटाप खरीदे जाने थे। गुणवत्ता की जांच के लिए जिले के आठों ब्लाक में अलग-अलग कमेटी बनाईं गईं थीं। 16 स्कूलों में जेम्स पोर्टल के माध्यम से खरीदी की गई है, जबकि एक स्कूल ने प्राइवेट खरीदारी की है। सभी प्राचार्यों ने खुद सामग्री खरीदी है। इसकी रिसीविंग आ चुकी है। मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। मैं सभी का बिंदुवार जवाब दे रहा हूं।
हरीशचंद्र दुबे, जिला शिक्षा अधिकारी, छतरपुर