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जिन माता-पिता के बेटी नहीं, वे तुलसी पौधे का ब्याह रचाकर करेंगे कन्यादान

 Dev Uthani Gyaras 2020:रायपुर/ बेटी को मान सम्मान देने की परंपरा सनातन धर्म में हजारों साल से चली आ रही है। बेटियों को महत्व देने के लिए ही कहा जाता है कि कन्यादान सबसे बड़ा दान है। जो लोग कन्यादान नहीं करते, उनका सारा पुण्य व्यर्थ है। भले ही परिवार में कितने ही बेटे हों, लेकिन हर माता-पिता की ख्वाहिश होती है कि उनकी एक बेटी अवश्य हो ताकि वे कन्यादान का पुण्य लाभ प्राप्त कर सकें।

यही कारण है कि साल में एक बार हर घर में तुलसी पौधे का विवाह करने की परंपरा निभाई जाती है। जिनकी बेटियां नहीं है, वे लोग तुलसी के पौधे को अपनी बेटी मानकर विधि-विधान से विवाह रचाते हैं। ऐसा ही नजारा बुधवार को घर-घर में दिखाई देगा। हिंदू धर्म के लोग अपने घर पर तुलसी जी की शादी रचाएंगे।

मंडप सजाने के लिए राजधानी में बिकेंगे लाखों रुपये के गन्ने

राजधानी के आस-पास के ग्रामीण गन्ना पेड़ बेचने की तैयारी कर चुके हैं। वे मंगलवार को दोपहर से सड़क किनारे अपनी दुकानें सजा लेंगे। स्थानीय व्यापारियों ने थोक में गन्ना खरीदने का आर्डर दे दिया है। व्यापारी मनमोहन साहू के अनुसार, वे हर साल एक हजार गन्ना मंगवाते हैं, थोक में एक गन्ना पांच से 10 रुपये में मिल जाता है, जिसे आसानी से 20- 25 रुपये में बेचते हैं। दो ही दिन में 8-10 हजार की कमाई हो जाती है।

किसानों को भी नुकसान नहीं होता, एक साथ उनके हजारों गन्नों की बिक्री हो जाती है। उनके जैसे सैकड़ों व्यापारी, अलग अलग इलाकों में फुटपाथ पर गन्ना बेचते हैं। चूंकि हर घर में गन्ना खरीदा जाता है, इसलिए एक ही दिन में लाखों रुपये के गन्ने आसानी से बिक जाते हैं।

नर्सरी वालों ने मंगवाए तुलसी पौधे

तुलसी पौधे का ब्याह रचाने की मान्यता के चलते नर्सरी में हर साल एक ही दिन में सैकड़ों तुलसी के गमले बिक जाते हैं। नर्सरी संचालक रविंद्र सोनकर बताते हैं कि जितने तुलसी के गमले पूरे सालभर नहीं बिकते, उतने एक ही दिन में बिक जाते हैं। इस बार 300 गमले तैयार करवाये हैं, एक गमला 50 से 100 रुपये में बेचा जाता है।

तुलसी के बिना भगवान स्वीकार नहीं करते भोग

शंकराचार्य आश्रम के ब्रह्मचारी इंदुभवानंद महाराज ने बताया कि भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण हैं। उनको भोग लगाते समय भोजन की थाली में तुलसी का पत्ता अवश्य रखना चाहिए। बिना तुलसी के भगवान भोग स्वीकार नहीं करते। घर में जब भी भोग लगाएं तो तुलसी पत्ता अवश्य थाली में भोजन के ऊपर रखें।

जन सामग्री में रखें

पंडित निरंजन देव शर्मा के अनुसार, तुलसी पूजन में गन्ना का मंडप सजाकर पूजन सामग्री में चना भाजी, बेर, सिंघाड़ा, आंवला, अमरूद, सीताफल, गेंदा फूल, श्रीफल, रखकर पूजा करें। सोलह श्रृंगार अर्पित करके मंदिर में अथवा ब्राह्मण को दें।

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