Presidential election results 2022: digi desk/BHN/ नई दिल्ली/ द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। तीसरे राउंड में वोटों की गणना के बाद उन्हें जीत मिली। NDA से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने तीसरे दौर की मतगणना के बाद कुल वैध मतों का 50% का आंकड़ा पार कर लिया है। द्रौपदी मुर्मू को 5 लाख 77 हजार 777 मत मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी यशवंत सिन्हा को 2,61,062 वोट मिले। इस तरह देश को पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति मिल गई है। इनके जीतने की संभावना दूसरे राउंड में ही सुनिश्चित हो गई थी। दिल्ली में बीजेपी कार्यालय के बाहर हजारों कार्यकर्ताओं की भीड़ लगी है और जश्न का माहौल है। द्रौपदी मुर्मू के गांव में भी पहले से ही ढोल-नगाड़ों के साथ जश्न मनाया जा रहा है।
किस राउंड में कितने मिले वोट
पहला राउंड: मतगणना के पहले दौर में सांसदों के मत गिने गये। इस राउंड में द्रौपदी मुर्मू ने 3,78,000 की वैल्यू के साथ 540 वोट हासिल किए। वहीं यशवंत सिन्हा ने 1,45,600 की वैल्यू के साथ 208 वोट हासिल किए हैं। इनमें से कुल 15 वोट अवैध थे।
सेकेन्ड राउंड: दूसरे दौर के बाद जहां पहले 10 राज्यों के मतपत्रों की गणना की गई, उसमें कुल वैध मत 1138 थे, जिनकी कुल वैल्यू 1,49,575 है। इसमें से द्रौपदी मुर्मू को 809 वोट मिले, जिनकी वैल्यू 1,05,299 और यशवंत सिन्हा को 329 वोट मिले, जिनकी वैल्यू 44,276 है।
थर्ड राउंड: तीसरे दौर की मतगणना में कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा और पंजाब के वोट शामिल थे। इस दौर में कुल वैध मत 1,333 थे, जिनकी कुल वैल्यू 1,65,664 थी। इस राउंड में द्रौपदी मुर्मू को 812 वोट मिले, जबकि यशवंत सिन्हा को 521 वोट मिले।
द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर मध्य प्रदेश में भाजपा ने मनाया उत्सव, CM ने दी शुभकामनाएं
भोपाल- द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर गुरूवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय पं. दीनदयाल परिसर में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ उत्सव मनाया और उन्हें मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं दी।
मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यालय में गुरूवार को कार्यकर्ताओं ने द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर आतिशबाजी कर राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने कार्यकर्ताओं के साथ प्रदेश कार्यालय स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय, कुशाभाऊ ठाकरे और राजमाता सिंधिया की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उन्होंने कार्यकर्ताओं को मुंह मीठा कराया। इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने ढोल नगाडों के साथ आतिशबाजी कर द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने पर उत्सव मनाया।
देश की स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के पावन अवसर पर सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में NDA ने जनजातीय समुदाय से आने वाली बहन श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपति पद के लिए प्रत्याशी बनाया और आज वह देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद पर निर्वाचित हुई हैं। pic.twitter.com/Bao9uY11Fo
— BJP MadhyaPradesh (@BJP4MP) July 21, 2022
यह देश का सौभाग्य है-शिवराज
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। देश का सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए ने आदिवासी समुदाय से आने वाले एक कर्तव्यनिष्ठ, समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में द्रौपदी मुर्मू बनाया। उन्होंने कहा, ‘आज वह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए चुनी गई हैं। यह भारत के लोकतंत्र की विशेषता है। मैं द्रौपदी मुर्मू को हार्दिक बधाई देता हूं।’ मुझे विश्वास है कि वह अपने कर्तव्यों का पालन करके भारत को गौरवान्वित करेंगी।
द्रौपदी मुर्मू की जीत पर देश भर में जश्न का माहौल
द्रौपदी मुर्मू अब देश की नई राष्ट्रपति है। द्रौपदी 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी। असम के 22 और बिहार के 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। मध्यप्रदेश के 16 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। द्रौपदी मुर्मू की जीत से देश में जश्न का माहौल है। यशवंत सिन्हा ने कहा कि मैं राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मु्र्मू को उनकी जीत पर बधाई देता हूं। देश को उम्मीद है कि गणतंत्र के 15वें राष्ट्रपति के रूप में वे बिना किसी भय या पक्षपात के संविधान के संरक्षक के रूप में कार्य करेंगी।
यह भारतीय लोकतंत्र की ताकत
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में प्रभावी जीत दर्ज करने पर द्रौपदी मुर्मू को बधाई। वे गांव, गरीब, वंचितों के साथ-साथ झुग्गी-झोपड़ियों में भी लोक कल्याण के लिए सक्रिय रहीं हैं।आज वे उनके बीच से निकल कर सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंचीं। यह भारतीय लोकतंत्र की ताकत है।
देश की 15वीं राष्ट्रपति बनी द्रौपदी मुर्मू, जानिए उनका जीवन परिचय और राजनीतिक सफर
द्रौपदी मुर्मू 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी। बता दें 20 जून 2022 को द्रौपदी मुर्मू ने अपना 64वां जन्मदिन मनाया। देश की पहली आदिवासी महिला राज्यपाल मुर्मू, झारखंड की पहली महिला गवर्नर भी रह चुकी हैं। उन्होंने 18 मई 2015 को पद संभाला था। दो बार विधायक रह चुकी द्रौपदी ने अपने करियर की शुरुआत टीचर के रूप में की। उन्होंने ओडिशा के सिंचाई विभाग में भी काम किया है। उन्हें बेस्ट विधायक के अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है।
जीवन परिचय
द्रौपदी मुर्मू ओडिशा में मयूरभंज जिले के कुसुमी ब्लॉक के उपरबेड़ा गांव के एक संथाल आदिवासी परिवार से आती हैं। इनका जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा में हुआ था। वह दिवंगत बिरंची नारायण टुडू की बेटी हैं। मुर्मू की शादी श्याम चरम मुर्मू से हुई थी। उन्होंने 1997 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और तब से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। द्रौपदी मुर्मू 1997 में ओडिशा के राजरंगपुर जिले में पार्षद चुनी गईं। 1997 में ही मुर्मू बीजेपी की ओडिशा ईकाई की अनुसूचित जनजाति मोर्चा की उपाध्यक्ष भी बनी थीं। मुर्मू राजनीति में आने से पहले श्री अरविंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च, रायरंगपुर में मानद सहायक शिक्षक और सिंचाई विभाग में कनिष्ठ सहायक के रूप में काम कर चुकी थीं।
राजनीतिक सफर
द्रौपदी मुर्मू ने 2002 से 2009 तक और फिर 2013 में मयूरभंज के भाजपा जिलाध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। द्रौपदी मुर्मू ओडिशा में दो बार की बीजेपी विधायक रह चुकी हैं और वह नवीन पटनायक सरकार में कैबिनेट मंत्री भी थीं। उस समय बीजू जनता दल और बीजेपी के गठबंधन की सरकार ओडिशा में चल रही थी। ओडिशा विधान सभा ने द्रौपदी मुर्मू को सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से उन्हें सम्मानित किया। द्रौपदी मुर्मू ने ओडिशा में भाजपा की मयूरभंज जिला इकाई का नेतृत्व किया था और ओडिशा विधानसभा में रायरंगपुर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था।
बहादुर और हिम्मती महिला
द्रौपदी मुर्मू ने जीवन में आई हर बाधा का मुकाबला किया। पति और दो बेटों को खोने के बाद भी उनका संकल्प और मजबूत हुआ है। द्रौपदी मुर्मू को आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए काम करने का 20 वर्षों का अनुभव है और वे भाजपा की टीम की अहम आदिवासी नेता हैं।