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National: सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर की गिरफ्तारी पर लगाई रोक, केन्द्र और राज्यों को जारी किया नोटिस

सुप्रीम कोर्ट से नूपुर शर्मा को मिली राहत

Supreme Court issues notice to respondents on the Nupur Sharma plea Court directs no coercive action should be taken against Nupur: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ बीजेपी की निलंबित नेता नूपुर शर्मा की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने फिर से सुनवाई की। कोर्ट ने पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणियों के मामले में उन्हें बड़ी राहत देते हुए आदेश दिया कि अगली सुनवाई तक किसी भी राज्य की पुलिस उन्हें गिरफ्तार न करे। सुप्रीम कोर्ट ने साफ निर्देश दिया कि नूपुर शर्मा के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। इसके साथ ही अदालत ने केंद्र और उन राज्यों को नोटिस जारी किया है, जहां उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। इस नोटिस में अदालत ने राज्यों और केंद्र सरकार से पूछा है कि नूपुर शर्मा के खिलाफ दर्ज केसों को एक ही स्थान पर क्यों न ट्रांसफर कर दिया जाए। कोर्ट ने कहा कि हमारी चिंता है कि याचिकाकर्ता वैकल्पिक कानूनी रास्ता कैसे अपनाएगी। इसलिए हम इस पर विचार के लिए सभी पक्षों को नोटिस जारी कर रहे हैं।

नूपुर शर्मा की ओर से पेश हुए वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि उनकी मुवक्किल की जान को गंभीर खतरा है, इसलिए सभी एफआईआर एक जगह ट्रांसफर किये जाएं। मामले की 10 अगस्त को सुनवाई होगी। आपको बता दें कि नूपुर शर्मा के खिलाफ अलग-अलग राज्यों में 9 FIR दर्ज हुए हैं। इसके अलावा उन्हें धमकी देने के कई वीडियो सामने आए हैं। अजमेर दरगाह के खादिम सलमान चिश्ती के अलावा यूपी के एक व्यक्ति ने भी ऐसा वीडियो जारी किया है।

नूपुर शर्मा ने फिर खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

सोमवार को बीजेपी से निलंबित नेता नूपुर शर्मा ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी मामले में अपने ऊपर दर्ज सभी एफआईआर (FIR) दिल्ली ट्रांसफर करने का अनुरोध किया है। नुपूर शर्मा ने अपनी याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी के बाद उनकी जान को खतरा और अधिक बढ़ गया है। उन्हें रेप और हत्या की धमकी मिल रही है।

पिछली बार नूपुर शर्मा की इसी याचिका को सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने खारिज कर दिया था। जस्टिस जेबी पारदीवाला जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि अपने बयान को लेकर उन्हें टीवी पर जाना चाहिए था और पूरे देश से माफ़ी मांगनी चाहिए थी। शीर्ष अदालत ने कहा था, “जिस तरह से नूपुर ने पूरे देश में भावनाओं को भड़काया है, देश में जो हो रहा है उसके लिए यह महिला अकेले जिम्मेदार है।”

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