Indian parliament now all kinds of dharna demonstrations fasting in the parliament house complex also banned the opposition flared up: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ असंसदीय शब्दों की नई सूची के बाद अब संसद भवन परिसर में सभी तरह के विरोध प्रदर्शन पर रोक लगाए जाने की सूचना है। यह जानकारी कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री जयराम रमेश ने दी है। जयराम रमेश ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक आदेश की कॉपी शेयर की है, जिसमें लिखा गया है कि अब संसद भवन परिसर में किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन, धरना और अनशन की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह आदेश सामने आने के बाद एक बार फिर विपक्ष विफर गया है। बता दें, अब तक संसद में अपनी बात नहीं सुने जाने पर विपक्ष सदस्य संसद में बनी महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने हाथों में तख्तियां लेकर प्रदर्शन करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
वहीं, खबर सामने आने के बाद लोकसभा सचिवालय ने इस पर सफाई दी और कहा, ‘संसद परिसर में धरना, प्रदर्शन, उपवास, या किसी भी धार्मिक समारोह पर दिशा-निर्देशों पर लोकसभा सचिवालय स्पष्ट करता है कि ऐसी प्रक्रिया एक नियमित प्रक्रिया है और संसद के प्रत्येक सत्र से पहले दिशानिर्देश जारी किए जाते हैं।’
मानसून सत्र से ठीक पहले ऐसा आदेश, होगा हंगामा
यह आदेश तब जारी किया जब संसद का मानसून सत्र शुरू होना है। इससे पहले गुरुवार को असंसदीय शब्दों की सूची पर जारी की गई थी। असंसदीय शब्दों के संकलन में जुमला, जुमलाजीवी, बालबुद्धि, विनाश पुरुष, स्नूपगेट और ड्रामा जैसे कई शब्द शामिल किए गए हैं।
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि असंसदीय शब्दकोष में किसी भी शब्द को शामिल करने की एक लंबी प्रक्रिया है। इनमें वही शब्द जोड़े जाते हैं जो पूर्व में संसद के दोनों सदनों या फिर राज्यों की विधानसभा और विधान परिषद में कार्यवाही से हटाए गए होते हैं।
हंगामा हुआ तो खुद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सामने आना पड़ा। हालांकि उनके स्पष्टीकरण का विपक्ष पर कोई असर नहीं हुआ है। विपक्षी नेताओं ने इसे संसद के भीतर विपक्ष की जुबान बंद करने की कोशिश करार दिया है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आप समेत सभी विपक्षी दलों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।