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Indian Railway: ट्रेन की बोगी में होगा मंदिर,  यात्रियों के लिए और क्या होंगी सुविधाएं जानिए

Indian railway news there will be a temple in the train bogie know what will be the special facilities for the passengers: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ भारतीय रेलवे में हमेशा यात्रियों के लिए कोई न कोई नई सुविधाएं लेकर आता ही है। बेंगलुरु-वाराणसी ‘भारत गौरव’ तीर्थयात्री ट्रेन अगले महीने से यात्रियों की सुविधाओं के लिए पटरी पर दौड़ने लगेगी। इस बात की जानकारी कर्नाटक की मंत्री शशिकला जोले ने दी है। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा है कि ‘भारत गौरव तीर्थ यात्रा ट्रेन अगस्त के अंतिम सप्ताह में बेंगलुरु से वाराणसी के लिए रवाना हो जाएगी।’ शशिकला जोले धार्मिक बंदोबस्ती, हज और वक्फ का संभालती हैं। उन्होंने आगे कहा है कि ‘तीर्थयात्रियों के लिए रियायती दरों पर सात दिवसीय यात्रा कार्यक्रम में वाराणसी, अयोध्या, प्रयागराज सहित कई पवित्र स्थानों को शामिल किया जाने वाला है।’ इस यात्रा में यात्रियों को कई सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

मुख्यमंत्री बसवराज ने दिया यह विचार

कर्नाटक की मंत्री शशिकला जोले ने जानकारी देते हुए आगे कहा कि ‘अधिकांश लोगों की इच्छा रहती है कि जीवन में कम से कम एक बार काशी यात्रा की जाए। इस तरह का कार्यक्रम शुरू करने की मेरी भी इच्छा थी। जो कि अब पूरी हो रही है। मुख्यमंत्री बसवराज ने यह विचार दिया था और उन्होंने ही हर तरह का सहयोग दिया है।’ आगे शशिकला जोले ने कहा कि ‘धार्मिक बंदोबस्ती विभाग द्वारा तीर्थयात्रा पैकेज तैयार करने के साथ ही कर्नाटक कम कीमत पर भारत गौरव ट्रेन सेवा प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। ट्रेनों के संशोधन और रेलवे के अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा के लिए तैयारी कर ली गई है। ट्रेन को एक करोड़ रुपये की बैंक गारंटी देकर किराए पर लिया गया है।’

ये होंगी खास सुविधाएं

मंत्री शशिकला ने जानकारी में बताया कि ‘इस सात दिवसीय दौरे में 4,161 किलोमीटर का लंबा मार्ग शामिल किया जाएगा। ट्रेन में 14 कोच होंगे। जिनमें 11 कोच यात्रियों के लिए होंगे। प्रत्येक कोच राज्य के महत्वपूर्ण मंदिरों का प्रतिनिधित्व करता है। वहीं लोगों की पूजा अर्चना के लिए एक बोगी को मंदिर में तब्दील किया जाएगा। रेलवे की सहायक कंपनी आईआरसीटीसी द्वारा तीर्थ केंद्रों के पास भोजन, पानी, आवास और स्थानीय परिवहन की व्यवस्था की गई है। इस सात दिवसीय दौरे में लगने वाली लागत 15000 रुपये है। जिसमें कर्नाटक सरकार 5000 रुपये की सब्सिडी देगी।’

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