Amarnath Cloudburst Update: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ जम्मू-कश्मीर में श्री अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम करीब साढ़े पांच बजे बादल फटने से आई बाढ़ में तीन महिलाओं समेत 15 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई। लगभग 48 तीर्थयात्री घायल हुए हैं और लगभग 65 लापता बताए जा रहे हैं। ताजा खबर यह है कि सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। वायु सेना भी जुट गई है। अब तक 15000 यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। शनिवार सुबह मौसम साफ होने से राहत तथा बचाव कार्य में तेजी आई है। हेलिकॉप्टर की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों कर पहुंचाया जा रहा है। इस बीच हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिए गए हैं। आशंका जताई जा रही है कि हताहतों की संख्या बढ़ सकती है। कुछ लोग मलबे में दबे हो सकते हैं।
भारतीय सेना आधुनिक उपकरणों के साथ रेस्क्यू ऑपरेश में जुटी है। मलबे में दबे लोगों का पता लगाने के लिए भी नई तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
आईटीबीपी के मुताबिक, कल शाम बाढ़ के कारण पवित्र गुफा क्षेत्र के पास फंसे अधिकांश तीर्थयात्री पंजतरणी में भेज दिया गया था। अब कोई भी यात्री यात्रा मार्ग पर नहीं है। करीब 15,000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।
पहलगाम के बालटाल और नुनवान की ओर से पवित्र गुफा की ओर आने वाले भक्तों को भी पास के शिविरों और सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। पंचतरणी जाने के लिए पवित्र गुफा से रात तक श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही।
जब बादल फटा, तब करीब 15,000 श्रद्धालु पवित्र गुफा और पंचतरणी के आसपास के क्षेत्र में थे। बादल फटने का कारण पवित्र गुफा के ऊपरी हिस्से से करीब छह किलोमीटर पीछे मौसम में अचानक बदलाव होना था। इससे पवित्र गुफा के साथ बहने वाले नाले में पानी भर गया। अभी 10 मिनट भी नहीं हुए थे कि अचानक बादल फटने से तेज गर्जना हुई और फिर मूसलाधार बारिश के साथ पवित्र गुफा के पीछे से पत्थर और भारी मात्रा में कीचड़ बहता हुआ दिखाई दिया। इस दौरान कई श्रद्धालु इसकी चपेट में भी आ गए। मोहित कुमार नाम के एक अन्य भक्त ने कहा कि हम एक लंगर में चाय पी रहे थे जब तेज बाढ़ के पानी ने पूरे लंगर को नष्ट कर दिया।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि त्रासदी को देखते हुए अमरनाथ यात्रा अगले आदेश तक अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई है। इसे फिर से शुरू करने का फैसला रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म होने के बाद लिया जाएगा।