उमरिया,भास्कर हिंदी न्यूज़/ एक जुलाई से मध्यप्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व बंद हो गए हैं लेकिन इसके बाद भी जंगल में वनराज को सुकून नहीं मिल सकेगा। इसकी वजह यह है कि प्रदेश में सभी पार्क के कोर जोन भले ही पर्यटकों के लिए बंद हो रहे हैं लेकिन बफर जोन बारिश में भी खुले रहेंगे। इतना ही नहीं जिन पार्कों के बफर जोन में नाईट सफारी होती है वहां बारिश में भी नाईट सफारी पूर्ववत जारी रहेगी। यानी न सिर्फ दिन में बल्कि रात में भी वनराज का आराम हराम रहेगा। वन्य प्राणी प्रेमी वर्षाकाल के दौरान बफर में पर्यटन को पूरी तरह से गलत मानते हैं और इसका विरोध भी करते हैं।
बाघों का संसर्ग काल
वर्षकाल में पार्क बंद करने की कई वजह होती हैं जिसमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण वजह यह बताई जाती है कि इस समय बाघ बाघिन साथ रहते हैं। इस दौरान बाघ और बाघिन ज्याद खुंखार हो जाते है यही कारण है कि उनके एकांत में पर्यटकों की वजह से खलल न पड़े इसलिए पार्क बंद कर दिया जाता है। वन्य प्राणी प्रेमी नरेन्द्र बगड़िया का कहना है कि वर्षाकाल के तीन महीने पार्क पूरी तरह से बंद रखा जाना चाहिए ताकि वन्य प्राणी सुकून के साथ रह सकें।
एकांत पसंद करते हैं बाघ
बाघ स्वभाव से न सिर्फ आलसी होते हैं बल्कि शर्मीले भी होते हैं। यही कारण है कि बाघ अक्सर अकेले रहना पसंद करते हैं। इसका प्रमाण यह भी है कि पिछले सप्ताह बांधवगढ़ के मगधी जोन में एक बाघ ने सांभर का शिकार किया था। इसी दौरान वहां पर्यटकों के वाहन पहुंच गए। बाघ पर्यटकों को देखकर अपने शिकार को एकांत की तरफ ले जाने लगा। अपने शिकार के साथ पर्यटकों के सामने इस तरह आए बाघ की हरकत से समझने की आवश्यकता है कि जंगल में मनुष्य के दखल को कम किया जाना कितना आवश्यक है। हालांकि इसके विपरीत पर्यटन विभाग मनुष्य का जंगल में दखल लगातार बढ़ाता जा रहा है।