Devshayani Ekadashi 2022: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ हिंदू पंचांग के मुताबिक आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी का व्रत किया जाता है। ऐसी मान्याता है कि देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु सहित सभी देवता योग निद्रा में चले जाते हैं, वहीं भगवान शिव का परिवार जागता रहता है। चतुर्मास की शुरुआत देवशयनी एकादशी से होती है। चातुर्मास चार माह तक चलता है। इस दौरान कोईभी शुभ काम नहीं किए जाते हैं, हालांकि भगवान की पूजा करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
देवशयनी एकादशी 2022 तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि शनिवार 09 जुलाई से शाम 04:39 बजे प्रारंभ हो रही है। यह तिथि अगले दिन, 10 जुलाई, रविवार को दोपहर 02.13 बजे तक रहेगी। ऐसे में उदयतिथि को ध्यान में रखते हुए 10 जुलाई को देवशयनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा।
Devshayani Ekadashi 2022 मुहूर्त
खास बात ये है कि Devshayani Ekadashi के दिन 3 योग बन रहे हैं। इस दिन रवि योग, शुभ योग और शुक्ल योग बन रहे हैं। शुभ योग सुबह से देर रात तक 12.45 मिनट तक रहेगा। इसके बाद शुक्ल योग शुरू होगा। Devshayani Ekadashi के दिन रवि योग सुबह 05:31 से शुरू होकर सुबह 09:55 तक चलेगा। ये सभी योग शुभ कार्यों के लिए शुभ होते हैं।
Devshayani Ekadashi में पारण का समय
10 जुलाई को जो लोग Devshayani Ekadashi का व्रत करते हैं, वे अगले दिन सोमवार 11 जुलाई को सुबह 05.31 बजे से 08.17 बजे तक पारण कर सकते हैं। द्वादशी तिथि सुबह 11.13 बजे समाप्त होगी। धार्मिक मान्यता है कि देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं। भगवान शिव 4 महीने तक ब्रह्मांड की सभी गतिविधियों को संचालित करते हैं। चातुर्मास के इन 4 महीनों में विवाह, सगाई, हजामत आदि मांगलिक कार्य नहीं होते हैं।