Friday , November 29 2024
Breaking News

Ashadha Festivals: आषाढ़ माह में गुप्त नवरात्र, गुरु पूर्णिमा और देवशयनी एकादशी सहित कई व्रत-त्योहार

Ashadha Month Festivals: digi desk/BHN /इंदौर/ हिंदू पंचांग के अनुसार भगवान विष्णु की आराधना का चौथा महीना आषाढ़ शुरू हो चुका है। इसमें आने वाले दिनों में शक्ति की उपासना का नौ दिनी पर्व गुप्त नवरात्र, श्रीहरि विष्णु के योग निद्रा पर जाने का व्रत देवशयनी एकादशी और गुरु पूजन का पर्व गुरु पूर्णिमा आएंगे। इसके साथ ही जगन्नाथ रत्रयात्रा भी निकाली जाएगी।

ज्योतिर्विद शिवप्रसाद तिवारी के मुताबिक इस माह के स्वामी भगवान विष्णु है। इस माह में किए गए व्रत उपवास से बीमारियां दूर होती हैं। आषाढ़ माह 15 जून से शुरू होकर 13 जुलाई तक रहेगा। इसके बाद शिव आराधना के सावन माह की शुरुआत होगी। इस आषाढ़ महीने को भगवान विष्णु का माना जाता है। ज्योतिर्विद विजयशंकर तिवारी के अनुसार इस माह में सूर्य देव को अर्घ्य देने से काया निरोगी होती है।

ये व्रत-त्योहार आएंगे 

24 जून को योगिनी एकादशी : माना जाता है कि आषाढ़ माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी व्रत करने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है।

29 जून को हलहारिणी अमावस्या : इस दिन स्नान-दान के साथ पितरों का श्राद्ध किया जाता है। इस दिन धरती देवी की पूजा की जाती है।

30 जून से गुप्त नवरात्र : इस दिन से आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्र की शुरुआत होगी। यह वर्ष में आने वाली चार नवरात्र में एक है। इसमें भक्त तंत्र-मंत्र, साधना करेंगे।

1 जुलाई को जगन्नाथ रथयात्रा : इस दिन रथयात्रा महोत्सव मनाया जाएगा। शहर के निपानिया स्थित इस्कान मंदिर से जगन्नाथ रथयात्रा निकाली जाएगी।

3 जुलाई को विनायकी चतुर्थी : सौभाग्य और समृद्धि देने वाली विनायकी चतुर्थी होगी। इस दिन भगवान गणेश का पूजन होगा।

10 जुलाई को देवशयनी एकादशी : इस दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा में जाएंगे। इस दिन से चार माह के लिए शादी-विवाह सहित सभी मांगलिक कार्यों पर विराम लगेगा।

13 जुलाई को गुुरु पूर्णिमाइस दिन गुरु पूजन का पर्व गुरु पूर्णिमा होगा। इस अवसर पर महर्षि वेद व्यास की पूजा की जाएगी। इसके साथ आषाढ़ माह का समापन होगा।

 

About rishi pandit

Check Also

आगर-मालवा के कालीसिंध नदी किनारे चमत्कारी मंदिर, जहां जलता है पानी से दीया

भारत में बहुत से प्राचीन और रहस्यमयी मंदिर है. जिसके चलते भारत को मंदिरों का …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *