Qutub Minar Vivad: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ दिल्ली स्थित ऐतिहासिक कुतुब मीनार परिसर में पूजा की अनुमति दी जा सकती है या नहीं, इस मुद्दे पर साकेत कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अब 27 अगस्त को सुनवाई होगी। हिंदू पक्ष की ओर से मांग थी कि वे केवल पूजा करने का अधिकार चाहते हैं। हालांकि एएसआई ने एक हलफनामे के माध्यम से स्पष्ट कर दिया था कि पूजा नहीं की जा सकती है। अदालत को इमारत की प्रकृति पर भी फैसला करना है। कुतुब मीनार को 1993 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। यह परिसर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के संरक्षण में है।
Qutub Minar Vivad: जानिए क्या है पूरा मामला
कुतुब मीनार विवाद का यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब पूर्व एएसआई अधिकारी ने दावा किया कि कुतुब मीनार राजा विक्रमादित्य ने बनवाई थी, न कि कुतुब अल-दीन ऐबक द्वारा जैसा कि इतिहास की किताबों ने हमें सिखाया है। पूर्व एएसआई क्षेत्रीय निदेशक धर्मवीर शर्मा ने कहा था कि कुतुब मीनार वास्तव में 5 वीं शताब्दी में गुप्त साम्राज्य के चंद्रगुप्त विक्रमादित्य द्वारा निर्मित एक सन टॉवर था। यह कुतुब मीनार नहीं बल्कि एक सन टॉवर (वेधशाला टॉवर) है। कुतुब मीनार की मीनार का झुकाव 25 इंच है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसे सूर्य को देखने के लिए बनाया गया था। यह विज्ञान और पुरातात्विक तथ्य है। इसके बाद से हिंदू पक्ष यहां पूजा-पाठ की अनुमति मांग रहा है। बीते दिनों कुछ लोगों ने कुतुब मीनार के बाहर हनुमान चालीसा पाठ भी किया था।