Ganga Dussehra 2022: digi desk/BHN/ ग्वालियर/ गंगा दशहरा पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है, लेकिन यदि आप हरिद्वार नहीं जा सकते हैं ताे घर पर भी पुण्य लाभ कमा सकते हैं। इसके लिए आपकाे कुछ खास नहीं करना है, बस नहाने से पहले पानी से भरी बाल्टी में गंगा जल मिला लें। इसके बाद यदि आप दस लाैटे पानी डालकर स्नान करेंगे ताे आपकाे मिलेगा गंगा नदी में स्नान करने के समान लाभ। आइए विस्तार से जानें गंगा दशहरा पर क्या करने से मिलता है पुण्य।
गंगा जल मिले पानी से स्नान करते समय हमें एक मंत्र का जाप भी करना चाहिए। ये मंत्र है-गंगा च यमुना, सरस्वती, गाेदावरी, पावेरी सरयु नर्मदा हर-हर गंगे महादेव। इसका जाप आपकाे नहाते समय ही करना है। जिससे आपकाे गंगा स्नान के समय पुण्य लाभ हाेगा। दरअसल वर्तमान समय में व्यस्तता के कारण हर किसी के लिए गंगा दशहरा पर हरिद्वार जाना संभव नहीं हाेता है, लेकिन गंगा जल लगभग सभी के घर में हाेता है। जिससे आप अपने घर पर ही गंगा जल के प्रयाेग से गंगा स्नान का लाभ ले सकते हैं।
दस चीजाें के दान का महत्व
गंगा दशहरा पर दस अंक का भी विशेष महत्व है। इस दिन दस चीजाें का दान देने से दस कष्टाें का नाश हाेता है। इस दिन मिट्टी, पंखा, खरबूजा, सत्तु, छाता, खडाऊ आदि के दान काे खास माना गया है। जिससे तीन प्रकार के शारीरिक कष्ट, 4 प्रकार के मानसिक कष्ट और 3 प्रकार के कायिक कष्टाें का नाश हाेता है।
8 दिव्य याेग के महासंयाेग में मनाेगा गंगा दशहरा
इस बार जेष्ठ माह की शुक्ल पक्ष दशमी तिथि 9 जून गुरुवार को गंगा दशहरा दस में से आठ दिव्य योग के महासंयोग में मनाया जाएगा। इस दौरान गुरु, गंगा, शिव, ब्रह्मा, सूर्य और हिमालय का पूजन विशेष फलदाई होगा। बालाजी धाम काली माता मंदिर के ज्योतिषाचार्य डा. सतीश सोनी के अनुसार माता गंगा का अवतरण धरती पर दस योग में हुआ था। यह योग जेष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, बुधवार का दिन, हस्त नक्षत्र, व्यातिपात योग,गर करण, आनंद योग, कन्या राशि का चंद्रमा, वृषभ राशि का सूर्य था। इस वर्ष में जेष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, हस्त नक्षत्र, व्यातिपात योग ,कन्या राशि का चंद्रमा, वृषभ राशि में सूर्य ,गर करण सहित आठ महा योग बन रहे हैं। इस बार केवल आनंद योग और बुधवार का दिन नहीं है। इसके अलावा रवि योग भी पूरे दिन रहेगा। जेष्ठ मास की दशमी तिथि का प्रारंभ 9 जून 2022 को सुबह 8:21 से शुरू होकर 10 जून को शाम 7:25 तक रहेगी। वहीं हस्त नक्षत्र का प्रारंभ 9 जून को सुबह 4:30 से लेकर 10 जून सुबह 4:36 तक और व्यातिपात योग सुबह 3:27 से पूरे दिन रहेगा।