Shani Pushya Yog 2022: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ जून माह का पहला शनिवार बेहद खास है। ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र को सबसे उत्तम माना गया है। 4 जून (शनिवार) को पुष्य योग का संयोग बन रहा है। पूरे वर्ष में यह संयोग एक बार ही बन रहा है। इस दिन रवियोग भी रहेगा। शनि की चाल बदल रही है। इस बार शनिवार को पुष्य नक्षत्र होने के कारण शनि-पुष्य का शुभ योग बन रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार पुष्य नक्षत्र 3 जून को सांय 7 बजे से शुरू होकर 4 जून रात 10 बजे तक रहेगा। इस दिन शनिदेव के उपाय करने से जीवन में आ रही समस्याओं से समाधान मिलता है। आइए जानते हैं उपाय क्या है।
1. शनिवार को हनुमान चालीसा या हनुमान अष्टक का पाठ करने से शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है। यह उपाय हनुमानजी के मंदिर में बैठकर की जाए तो जल्द शुभ फल मिलता है।
2. काले घोड़े की नाल से अंगूठी बनवाकर अपनी मध्यमा उंगली में पहनें। अगर संभव न हो तो ज्योतिषी से सलाह लेकर नीलम रत्न धारण कर सकते हैं।
3. ऊं शं शनैश्चराय नमः मंत्र का पाठ करते हुए पीपल के वृक्ष की परिक्रमा करें। इसके बाद पीपल के पेड़ में मीठा दूध अर्पित करें। शनि स्तवराज का पाठ करें।
4. शनिदेव की पूजा करने बाद उसी स्थान पर बैठकर शनि मंत्रों का जाप करें। शनिदेव के कुछ मंत्र-
– ऊं प्रां प्रौं सः शनये नमः
– ऊं शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये
– ऊं शं शनैश्चाराय नमः
5. शनिदेव का तिल के तेल से अभिषेक करें। जूते-चप्पल, कंबल, तेल आदि का दान करें।
6. शनि पुष्य योग के दिन लाल चंदन की माला से मंत्र का जपकर इस माला को धारण कर लें। इस उपाय से कर्मफलदाता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।