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Mangal Gochar: जल्द ही स्वराशि में गोचर करने जा रहे हैं मंगल देव, जानिए आपकी राशि पर क्या पड़ेगा असर?

Mangal Gochar 2022: digi desk: नई दिल्ली/ वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह लाल ग्रह के नाम से भी विख्यात है। जो भूमि, सेना, पराक्रम और ऊर्जा का कारक ग्रह होता है और इस ग्रह को राशि चक्र की मेष राशि और वृश्चिक राशि का स्वामित्व भी प्राप्त है। मंगल का मेष राशि में गोचर 27 जून, सोमवार सुबह 5 बजकर 39 मिनट पर अपने मित्र ग्रह गुरु बृहस्पति की राशि मीन से होगा। चूंकि मेष राशि मंगल देव के ही आधिपत्य वाली राशि होने के साथ-साथ अग्नि तत्व की राशि है और मंगल ग्रह स्वयं भी एक अग्नि तत्व प्रधान ग्रह है, इसलिए मेष राशि में मंगल का ये गोचर सभी जातकों के लिए ख़ासा महत्वपूर्ण रहने वाला है। जानें मंगल के गोचर का आपकी राशि पर क्या पड़ेगा असर –

मेष- मंगल आपके लग्न भाव के स्वामी होने के साथ-साथ अष्टम भाव के स्वामी भी हैं। इस अवधि में आप आपने कार्यक्षेत्र में एक नई और सकारात्मक ऊर्जा महसूस करेंगे। ऐसे जातक जो साझेदारी से जुड़ा व्यवसाय करते हैं उन्हें अत्यधिक शुभ फल मिलने का योग बन रहा है। आपका जीवनसाथी भी आपके व्यवसाय में खुलकर सहयोग करेगा। नौकरी पेशा जातकों के लिए भी यह गोचर बहुत शुभ परिणाम देगा। इस अवधि में मंगल आपको स्वास्थ्य से संबंधित अपनी पूर्व की हर परेशानियों से मुक्ति दिलाने में मदद करेगा।

वृष- इस राशि के लिए मंगल उनके सातवें तथा बारहवें भाव के स्वामी होते हैं। सातवां भाव जातक की दीर्घकालीन साझेदारियों, व्यापार, आयात-निर्यात, सामाजिक छवि, विवाह और जीवनसाथी के बारे में जानकारी देता है। वहीं बारहवां भाव खर्च, रोग, यात्रा, विदेश आदि का भाव माना जाता है। इस अवधि में मंगल देव आपके बारहवें भाव में विराजमान होंगे। ऐसे में आपके खर्चों में काफी वृद्धि दिखेगी। इस दौरान किसी क़ानूनी पचड़े में फंसने से बचें। कोर्ट-कचहरी में कोई मामला चल रहा हो, तो फैसला आपके हक़ में आ सकता है।

मिथुन- इस राशि के जातकों के लिए मंगल देव एकादश तथा छठे भाव के स्वामी होते हैं। इस गोचर के दौरान मंगल का गोचर एकादश भाव में ही होगा। ज्योतिष के मुताबििक छठा भाव समस्याओं, संघर्षों, परेशानियों, कंपटीशन, चुनाव, उधार, कर्ज़, बैंक लोन, बीमारी तथा विरोधियों की जानकारी देता है। वहीं एकादश भाव से आमदनी और जीवन की महत्वाकांक्षाओं का पता चलता है। एकादश भाव में मंगल के गोचर से आपकी आमदनी में काफी बढ़ोतरी होगी। कोई रुका हुआ धन भी वापस मिलेगा। इस दौरान कार्यक्षेत्र में किए गए सभी प्रयास सफल होंगे और आपकी उन्नति होगी।

कर्क- मंगल ग्रह, कर्क राशि के केंद्र और त्रिकोण भाव के स्वामी होने के कारण योग कारक होते हैं। ये आपके पंचम और दशम भाव के स्वामी हैं और अपने गोचर काल में वे आपके दशम भाव में ही होंगे। पंचम भाव से बुद्धि, सोचने की क्षमता, कलात्मकता, संतान, प्रेम संबंध और शिक्षा के बारे में जानकारी मिलती है, जबकि दशम भाव से व्यवसाय, पिता, कार्यक्षेत्र आदि को देखा जाता है। ऐसे में दशम भाव में मंगल का गोचर आपको कार्यक्षेत्र में अपार सफलता देने वाला है। वेतन में भी बढ़ोतरी होने के साथ-साथ उनके प्रमोशन के भी योग बनेंगे। कार्यस्थल पर किसी के साथ भी बहस में न करें, क्योंकि मंगल उग्रता बढ़ाता है।

सिंह- इस राशि के लिए मंगल, नवम अर्थात भाग्य भाव और चतुर्थ भाव के स्वामी होने से योगकारक ग्रह है। चतुर्थ भाव से सुख सुविधाओं, माता, चल-अचल संपत्ति आदि का विचार किया जाता है, वहीं नवम भाव से भाग्य तथा धर्म का पता चलता है। इस राशि में मंगल ग्रह का गोचर नवम भाव में हो रहा है। इस दौरान आपको सभी क्षेत्रों में सफलता मिलेगी। सुदूर या लंबी यात्रा का योग भी बन सकता है। नौकरी या व्यवसाय, दोनों में ही आपको अपार सफलता मिलेगी। प्रॉपर्टी खरीदने या निवेश के लिए ये अवधि विशेष उत्तम सिद्ध होगी।

कन्या- मंगल ग्रह आपकी राशि के लिए तीसरे और आठवें भाव के स्वामी है। ज्योतिष में यह दोनों ही भाव थोड़े कष्टदायक माने जाते हैं। मंगल ग्रह का गोचर आपकी राशि से अष्टम भाव में होगा। ऐसे में आपके स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियां सामने आ सकती हैं। करियर में भी कई उतार-चढ़ाव देखने को मिलेंगे। कार्यक्षेत्र में आपको अधिक संघर्ष व मेहनत करनी होगी। अगर आप व्यापार से जुड़े हैं तो आपके लिए कुछ लाभ प्राप्त होने के योग बनेंगे।

तुला-इस राशि के जातकों के लिए मंगल दूसरे और सप्तम भाव के स्वामी होते हैं। कुंडली का दूसरा भाव धन भाव होने के साथ-साथ हमारे कुटुंब, वाणी, खान-पान का भाव भी माना जाता है। वहीं सप्तम भाव विवाह, जीवनसाथी, व्यावसायिक साझेदारियों और इंपोर्ट-एक्सपोर्ट आदि के बारे में बताता है। मंगल का गोचर आपकी राशि से सप्तम भाव में होगा और पार्टनरशिप से जुड़े जातकों के लिए शुभ व अच्छे मुनाफे का योग बनेगा। नौकरीपेशा जातकों को भी कार्यक्षेत्र पर प्रमोशन की संभावना है। लेकिन निजी जीवन में शादीशुदा जातकों को अपने जीवनसाथी के साथ मतभेद का सामना करना पड़ सकता है।

वृश्चिक- मंगल ग्रह आपकी राशि के स्वामी हैं और आपके प्रथम भाव और छठे भाव के स्वामी भी हैं। छठा भाव कठिन संघर्ष को परिभाषित करता है। मंगल ग्रह का गोचर आपकी राशि से छठे भाव में ही होगा और इस वजह से इस राशि के छात्रों को सबसे अधिक शुभ फल मिलेंगे। प्रतियोगी परीक्षा या नौकरी के लिए परीक्षा की तैयारी कर रहे जातकों को अपार सफलता मिलने के योग हैं। खेल से जुड़े लोगों को भी अच्छा प्रदर्शन देने में ममद मिलेगी। इस दौरान आपके शत्रु व विरोधी सक्रिय होंगे और लगातार आपको परेशान करेंगे। इस अवधि में अचानक किसी यात्रा का योग भी बन रहा है।

धनु- मंगल आपके पाँचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और मंगल का गोचर आपकी राशि से पंचम भाव में ही होगा। कुंडली के पंचम भाव से संतान, उच्च शिक्षा, रोमांस, नए अवसर एवं रचनात्मकता आदि का विचार किया जाता है। मंगल के पंचम भाव में गोचर से आपके स्वभाव में बदलाव आएगा। ये आपको स्वभाव से जिद्दी और अड़ियल बनाएगा। वैसे छात्रों के लिए ये समय खासा शुभ रहने वाला है। उन्हें इच्छा अनुसार परिणाम प्राप्त करने में मदद मिलेगी। जो छात्र विदेश जाकर पढ़ना चाहते हैं या किसी विदेशी कॉलेज या स्कूल में दाख़िला पाने के लिए तैयारी कर रहे हैं, उन्हें कामयाबी मिल सकती है।

मकर- इस राशि के लिए मंगल चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी होते हैं और मंगल ग्रह का ये गोचर मेष राशि में होने से आपके चतुर्थ भाव में ही होगा। इसे सुख, माता, वाहन, प्रॉपर्टी आदि का भाव कहा जाता है। इस दौरान आपको वाहन या भवन सुख की प्राप्ति हो सकती है। आप किसी प्रकार की प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं और संभावना अधिक है कि उस प्रॉपर्टी से आपको अच्छा लाभ प्राप्त भी होगा। निजी जीवन में ये अवधि जातकों को अपने जीवनसाथी का सहयोग पूर्ण रूप से देने वाली है। लेकिन तालमेल बनाये रखना बेहतर होगा।

कुंभ- इस राशि के जातकों के लिए मंगल उनके तीसरे और दसवें भाव के स्वामी होते हैं और मंगल देव तीसरे भाव में ही गोचर करेंगे। कुंडली में तीसरा भाव पराक्रम, इच्छा शक्ति, छोटे भाई-बहन, महत्वाकांक्षा, जुनून, जोश आदि से जुड़ा होता है। ये गोचर आपको ऊर्जावान बनाएगा और इस समय आपको अपने भाई-बहनों से भी अच्छा लाभ प्राप्त होगा। कई जातकों को अच्छी नौकरी के लिए कई प्रस्ताव मिलेंगे और इससे उनका करियर रफ़्तार पकड़ेगा। यदि आप अपनी नौकरी बदलने की सोच रहे हैं, तो यह समय आपके लिए उत्तम है। इस दौरान आपके द्वारा किए गए सभी प्रयास सफल होंगे।

मीन- इस राशि के जातकों के लिए मंगल दूसरे और नवें भाव के स्वामी होते हैं। अपने इस गोचरकाल में वे आपके दूसरे भाव में ही प्रवेश करेंगे। कुंडली के दूसरे भाव से धन, परिवार, वाणी, प्रारंभिक शिक्षा आदि को देखा जाता है। ऐसे में दूसरे भाव में मंगल का गोचर आपकी आमदनी में बढ़ोतरी होने के योग बनाएगा। आपको अपने परिवार की तरफ से किसी प्रॉपर्टी से लाभ प्राप्त होगा। यदि आप पारिवारिक बिजनेस से जुड़े हैं तो भी इस गोचर के दौरान आपको अच्छा मुनाफ़ा मिलने की संभावना रहेगी। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को कम मेहनत के बावजूद भी शिक्षा में अच्छे परिणाम मिलेंगे। जीवनसाथी की सेहत का विशेष ख्याल रखें।

 

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