छतरपुर, भास्कर हिंदी न्यूज़/ शनिवार की शाम खानाबदोश परिवार की एक महिला ने जहर खाकर आत्महत्या की कोशिश की। इस घटना के पीछे जो मार्मिक सच्चाई सामने आई है उसे सुनकर किसी का भी दिल पसीज सकता है। दरअसल भूख से बिलखते बच्चों का दुख जब निर्धन मां नहीं देख सकी तो उसने जहर खा लिया। बाद में कबीले के लोगों ने उसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया।
शहर में पन्नाा रोड पर सड़क किनारे झोपड़ी बनाकर खानाबदोश परिवार रह रहे हैं। इन्ही परिवारों में से एक निर्धन महिला सपना ने शनिवार की शाम झोपड़ी में रखे जरा से आटे से बच्चों के लिए रोटियां बनाकर रख दीं। तभी इन रोटियों को एक कुत्ता खा गया। जब बच्चों ने देखा तो उन्होंने कुत्ते को भगाया, लेकिन तब तक एक भी रोटी उनके लिए नहीं बची। अपने हिस्से की रोटी कुत्ते द्वारा खा ली जाने से भूखे बच्चे रोने लगे। मां ने जब बर्तन में देखा तो जरा भी आटा उसके पास नहीं था। उससे बिलखते हुए बच्चों का दुख नहीं देखा गया, इसी हताशा में सपना ने अपना दुख कबीले के अन्य लोगों को बताए बिना चुपचाप जहर खाकर जान देने की कोशिश की। मां की हालत देखकर बच्चे जब चिल्लाए तो कबीले के लोगों ने उसे तुरंत जिला अस्पताल लाकर भर्ती कराया।
यहां उसका उपचार किया जा रहा है, लेकिन हालत अभी नाजुक बनी है। अस्पताल में भर्ती सपना ने बताया कि शनिवार शाम मैंने बच्चों के लिए खाना बनाकर रखा, जिसे कुत्ते ने खा लिया। खाना न मिलने से बच्चे रोने लगे। महिला का कहना है कि उसके पास इतने पैसे नहीं हैं कि बच्चों को दोबारा खाना बनाकर खिला सके। बच्चे भूख के कारण परेशान होकर रोए जा रहे थे। उन्हें रोता देख मुझे भी गरीबी पर गुस्सा आ गया कि मैं कैसी मां हूं कि बच्चे रो रहे हैं और मैं उन्हें खाना भी नहीं खिला पा रही हूं। इसी के चलते मैंने जहर खा लिया। महिला की सास रन्नाोबाई ने बताया कि जैसे ही उसे पता चला कि बहू ने जहर खा लिया तो मैं कबीले की महिलाओं की मदद से उसे जिला अस्पताल लेकर आई। डाक्टर साहब का कहना है कि बहू की हालत गंभीर है।