Gyanvapi Mosque Survey: digi desk/BHN/ नई दिल्ली/ ज्ञानवापी प्रकरण में एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही पहले दिन पूरी हो गई है। सर्वे टीम ने सुबह 8 बजे से 12 बजे तक सर्वे किया। कुल 53 लोगों को सर्वे टीम में शामिल किया गया है। तीन तहखाने चाबियों से खोले गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मस्जिद के बाहरी हिस्से में स्वास्तिक और कमल फूल के निशान मिले हैं। पहले दिन का सर्वे पूरा होने के बाद हिंदू पक्षकारों ने कहा कि अच्छे माहौल में सर्वे हुआ है। जो सोचा था, वही निकला है। इससे ज्यादा कुछ नहीं बता सकते। रविवार को फिर सर्वे होगा।
ओवैसी की प्रतिक्रिया
AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पहले दिन के सर्वे के बाद ओवैसी ने कहा, ज्ञानवापी मस्जिद थी और रहेगी। बाबरी के बाद हम एक और मस्जिद नहीं खोने देंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार 1991 के कानून का उल्लंघन कर रही है। सर्वे हो रही है और सपा-कांग्रेस जैसी पार्टियां चुप हैं।
दूसरी तरफ एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने को सभी पक्षकारों को इस बाबत लिखित सूचना दी। वह सुनवाई के लिए 17 मई को अपनी रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत करेंगे। इस बीच, Gyanvapi Mosque Survey मामले में सुप्रीम कोर्ट में थोड़ी देर में सुनवाई होगी। आज सुनवाई के लिए शुक्रवार आधी रात को इस केस को लिस्ट किया गया। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बैंच सुनवाई करेगी।
वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अध्यक्ष, सचिव व संयुक्त सचिव को नोटिस दिया है कि शनिवार सुबह आठ बजे से एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही की गई। न्यायालय को एडवोकेट कमिश्नर की ओर से जानकारी दी गई थी कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कुछ स्थलों पर ताला बंद है। कोर्ट ने जिला मजिस्ट्रेट व पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट को एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही पूर्ण कराने की जिम्मेदारी सौंपी थी। कमेटी ने चाभी उपलब्ध करवाई और ताले खोले गए।
कार्यवाही स्थल पर मुकदमे के वादी, प्रतिवादी, अधिवक्ता, एडवोकेट कमिश्नर व सहायक एडवोकेट कमिश्नर तथा कार्यवाही से संबंधित व्यक्तियों के अलावा कोई उपस्थित नहीं रहा। एडवोकेट कमिश्नर पक्षकारों द्वारा बताए गए बिदुओं पर फोटो लेने व वीडियोग्राफी करने के लिए स्वतंत्र रहे। एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र का कहना है कि अदालत के आदेश का अक्षरशः पालन होगा। ईमानदारी व निष्पक्षता के साथ कार्यवाही संपादित कराई जाएगी। कोशिश होगी कि समयसीमा में कार्यवाही पूरी कर रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत की जाए।
क्या है मामला
दिल्ली की राखी सिह सहित मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी, सीता साहू व रेखा पाठक ने 18 अगस्त 2021 को सिविल जज (सीनियर डिविजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में याचिका दाखिल कर मां श्रृंगार गौरी के दैनिक दर्शन पूजन व अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों को संरक्षित करने की मांग की थी। अदालत ने वस्तुस्थिति की जांच के लिए एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया था।