Taj Mahal Case: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ ताज महल केस में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुनवाई हो रही है। अब तक 45 मिनट की सुनवाई हो चुकी है। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा है कि आप हमसे क्या चाहते हैं? क्या आप चाहते हैं कि हम यह तय करें कि ताजमहल किसने बनवाया है? क्या आपके किसी अधिकार का हनन हुआ? जज ने यह टिप्पणी भी कि व्यवस्था का मजाक न बनाया जाए। जज ने यह भी कहा कि आज आप ताजमहल के कमरे खोलने की बात कह रहे हैं, कल आप कहोंगे कि जजों चैम्बर के दरवाजे खोले जाएं? दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलील रखी है। इससे पहले वकीलों की हड़ताल के कारण पिछले दिनों सुनवाई नहीं हो सकी थी। भाजपा की अयोध्या इकाई के मीडिया प्रभारी रजनीश सिंह ने यह याचिका दायर की है। उनका कहना है कि फैक्ट फाइंडिंग टीम ने मांग की थी कि ताजमहल के इतिहास से जुड़ी सच्चाई को जनता के सामने लाया जाए और इसके लिए 22 कमरों के दरवाजे खोलने की मांग की गई है। कई दक्षिणपंथी संगठनों ने अतीत में दावा किया है कि मुगल काल का मकबरा भगवान शिव का मंदिर था।
दम है तो लाल किले या ताजमहल में मंदिर बनाकर दिखाएं : महबूबा
वहीं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि दम है तो लाल किला या फिर ताजमहल में मंदिर बनाकर दिखाएं। फिर देखते हैं कितने लोग इन्हें देखने आएंगे। वह अपने पैतृक क्षेत्र बिजबेहाड़ा में मीडिया से बात कर रही थीं। उन्होंने अनंतनाग में मार्तंड मंदिर में उपराज्यपाल के पूजा करने पर भी आपत्ति जताई।
पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि यह दुर्भाग्यपूर्ण हे कि केंद्र सरकार लोगों को रोजगार नहीं दे पा रही है, देश में महंगाई और गरीबी बढ़ रही है। सार्वजनिक संपत्तियों को बेचा जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि लोगों का ध्यान असली मुद्दों से हटाने के लिए हिदू-मुस्लिम विवाद पैदा किया जा रहा है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मुगलों की धरोहरों को बिगाड़ा जा रहा है।