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Mohini Ekadashi: 12 मई को मोहिनी एकादशी व्रत, दूसरे सप्ताह में ये हैं प्रमुख त्यौहार व व्रत

Mohini ekadashi fasting on 12th may these are the major festivals and fasts in the second week: digi desk/BHN/नई दिल्ली/मई माह के दूसरे सप्ताह में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार आने वाले हैं और इन्हें हिंदू धर्म के लोग पूरी आस्था के साथ मनाते हैं। मई माह के दूसरे सप्ताह में मोहिनी एकादशी, मासिक दुर्गाष्टमी और प्रदोष व्रत जैसे पर्व आएंगे। मई माह के दूसरे सप्ताह यानी 9 से 15 मई आने वाले प्रमुख त्योहारों के बारे में जानकारी यहां दी गई है –

 मासिक दुर्गाष्टमी

अभी वैशाख माह चल रहा है। 09 मई वैशाख की मासिक दुर्गाष्टमी है। इस दिन मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है। दुर्गा अष्टमी हर महीने आती है और इस दिन मां दुर्गा की पूजा की जाती है। दुर्गाष्टमी हर माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है।

10 मई, मंगलवार: जानकी जयंती (सीता नवमी)

इस साल सीता नवमी 10 मई को मनाई जाएगी। इस पर्व को जानकी जयंती के नाम से भी मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता है कि इसी दिन माता सीता धरती से प्रकट हुई थीं। धार्मिक मान्यता है कि सीता नवमी का व्रत करने से महिलाओं को शाश्वत सौभाग्य की प्राप्ति होती है। हर साल वैशाख शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को जानकी जयंती मनाई जाती है।

12 मई, गुरुवार: मोहिनी एकादशी

मोहिनी एकादशी का व्रत 12 मई को मनाई जाएगी। एकादशी व्रत भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता है। भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया और राक्षसों का वध किया। इसी कारण से इसे मोहिनी एकादशी व्रत कहा जाता है।

13 मई शुक्रवार: प्रदोष व्रत

शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 13 मई है। इस दिन भगवान शंकर की पूजा की जाती है। भगवान शिव अपने भक्तों को धन, अनाज, पुत्र, स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि का वरदान देते हैं।

14 मई, शनिवार: नरसिंह जयंती

14 मई को नरसिंह जयंती मनाई जाएगी। हर वर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार क आराधना की जाती है। नरसिंह के रूप में भगवान विष्णु ने भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी।

15 मई 2022, रविवार – कूर्म जयंती

धार्मिक मान्यता है कि कूर्म जयंती के दिन ही भगवान विष्णु कूर्म अवतार धारण किया था। इस वर्ष कूर्म जयंती 15 मई 2022 को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यता है भगवान विष्णु ने मंदराचल पर्वत को अपनी पीठ पर धारण करके समुद्र मंथन में मदद की थी।

 

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