Jharkhand ED Raid: digi desk/BHN/रांची/ प्रवर्तन निदेशालय मनरेगा कोष में घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में शुक्रवार की सुबह झारखंड के रांची और धनबाद सहित 20 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की। इसमें झारखंड खान एवं भूविज्ञान विभाग की सचिव पूजा सिंघल से जुड़े कई ठिकाने भी शामिल हैं। छापेमारी में अब तक 19.31 करोड़ कैश बरामद किये जा चुके हैं। ईडी के अधिकारी के मुताबिक रांची समेत धनबाद, खूंटी, मुंबई, दिल्ली, जयपुर सहित कई जगहों पर शुक्रवार को एक साथ कार्रवाई हुई। इस दौरान पूजा सिंघल से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी में 19.31 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई है। अधिकारियों ने बताया कि पूजा सिंघल से जुड़े एक चार्टर्ड अकाउंटेंट के परिसर से कम से कम 17 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए हैं।
उधर, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस छापेमारी को राजनीति से प्रेरित कार्रवाई बताया है। उनका कहना है कि बीजेपी सिर्फ मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है।
कहां-कहां हुई छापेमारी
ईडी की टीम ने खान एवं भू-विज्ञान विभाग की सचिव और झारखंड राज्य खनिज विकास निगम लिमिटेड (JSMDC) की प्रबंध निदेशक IAS पूजा सिंघल के रांची आवास सहित उनसे जुड़े करीब 25 व्यक्तियों के ठिकाने पर एक साथ छापामारी की है। इनमें रांची में स्थित पल्स हॉस्पिटल के अलावा पंचवटी रेसिडेंसी, कांके रोड, चांदनी चौक और हरिओम टावर के साथ धनबाद के धनसार और सरायढेला तथा खूंटी क्षेत्र के ठिकाने भी शामिल हैं।
क्या है मामला
मिली जानकारी के मुताबिक ये मामला वर्ष 2008 से 2011 के बीच मनरेगा कोष से 18 करोड़ रुपये से अधिक के गबन और इस राशि की मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है। इस मामले में ED ने सबसे पहले झारखंड के जूनियर इंजीनियर राम विनोद प्रसाद सिन्हा के खिलाफ PMLA के तहत मामला दर्ज किया था। इसके बाद ED ने सबूत जुटाए और राम विनोद सिन्हा को 17 जून, 2020 को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सिन्हा ने कमीशन की राशि डीसी ऑफिस तक पहुंचने की बात स्वीकारी थी। आपको बता दें कि 2000 बैच की आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल घोटाले की अवधि के दौरान खूंटी की डीसी थीं।