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Donation: अक्षय तृतीया पर किया गया दान  ‘अक्षय’ होता है, अक्ती के नाम से प्रसिद्ध पर्व पर लाखों जोड़े लेंगे फेरे

The donation made on akshaya tritiya is akshay thousands of couples will take rounds on the famous festival known as akti: digi desk/BHN/रायपुर/ हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त और सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन मुहूर्त के लिए पंचांग देखने देखने की आवश्यकता नहीं होती। पूरे दिन को शुभ मुहूर्त मानते हैं। सुबह से रात तक विविध संस्कार निपटाए जा सकते हैं। मुंडन संस्कार, उपनयन संस्कार, विवाह संस्कार, गृह प्रवेश संस्कार समेत नया व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए अक्षय तृतीया का दिन खास है।

गर्मी से राहत देने वाली वस्तुओं का करें दान

ज्योतिषाचार्य डा.दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि जिसे अक्षय तृतीया कहा जाता है। इस दिन दान करने से वह दान हमेशा के लिए अक्षय हो जाता है। चूंकि इन दिनों गर्मी का प्रकोप होता है, इसलिए गर्मी के मौसम के अनुरूप खजूर के पत्तों से बनी पंखी, धूप से बचने छतरी, ठंडे पानी के लिए मिट्टी का घड़ा, जल, मिठाई और मौसमी फल का दान अवश्य करना चाहिए।

सोना-चांदी खरीदें

इस दिन सुख-समृद्धि का प्रतीक सोना, चांदी, रत्न, जमीन, भवन, खेत और अन्य वस्तुओं को खरीदने की मान्यता है, इससे समृद्धि बढ़ती है। समृद्धि आने से परिवार में सुख, शांति और पारिवारिक स्नेह बढ़ता है।

अक्ती पर घर-घर में पुतरा-पुतरी का विवाह

अक्षय तृतीया, छत्तीसगढ़ में अक्ती के नाम से प्रसिद्ध है। पूरे साल सबसे ज्यादा शादियां इसी दिन संपन्ना होती है। गांव-गांव में हजारों जोड़े फेरे लेंगे। जिन घरों में विवाह नहीं होगा वे भी अपने घर में मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु स्वरूपा नकली दूल्हा-दुल्हन यानी पुतरा-पुतरी का विवाह रचाने की परंपरा निभाएंगे। ऐसी मान्यता है कि इस दिन घर में विवाह की रस्म अवश्य निभानी चाहिए। इससे भविष्य में होने वाले मांगलिक कार्य सफलतापूर्वक संपन्ना होते हैं।

पर्रा, सूपा, टोकनी का बाजार सजा

शास्त्री बाजार, गोलबाजार, आमापारा, पुरानी बस्ती समेत अनेक इलाकों के बाजारों में विवाह में उपयोग में लाई जाने वाली सामग्री खरीदने के लिए भीड़ उमड़ रही है। दूल्हों के लिए साफा-पगड़ी, सेहरा, तोरण, कटार, और दुल्हन के लिए कांगन-डोरा, मौर-मुकुट, चोली, घाघरा का बाजार सज चुका है। विविध रस्म निभाने के लिए बांस से निर्मित पर्रा, सूपा, टोकनी, रंगबिरंगे मटके खरीदे जा रहे हैं।

तीन योगों का संयोग

ज्योतिषाचार्य अभिऋषि शर्मा के अनुसार शुक्र अपनी उच्च की राशि मीन में रहकर मालव्य राजयोग का निर्माण कर रहा है। साथ ही गुरु के मीन राशि में होने से हंस राजयोग और शनि के अपने घर में होने से शश राजयोग बन रहा है।

शुभ मुहूर्त

पूजा का शुभ मुहूर्त- सुबह पांच बजकर 39 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट

सोना-चांदी खरीदी का मुहूर्त – तीन मई को सुबह पांच बजकर 39 मिनट से चार मई सुबह पांच बजकर 38 मिनट

चौघड़िया मुहूर्त

  • चर, लाभ, अमृत- सुबह आठ बजकर 59 मिनट से दोपहर एक बजकर 58 मिनट तक
  • शुभ- दोपहर तीन बजकर 38 मिनट से शाम पांच बजकर 18 मिनट
  • लाभ- रात आठ बजकर 18 मिनट से रात नौ बजकर 38 मिनट
  • शुभ, अमृत, चर – रात 10 बजकर 58 मिनट से देर रात दो बजकर 58 मिनट

अक्षय तृतीया का महत्व

  • -इस दिन हुआ सतयुग और त्रेतायुग का प्रारंभ
  • – खुलेंगे बद्रीनाथ धाम के पट
  • – नर-नारायण का अवतार दिवस
  • – भगवान परशुराम का जन्मोत्सव
  • – माता अन्नापूर्णा का जन्मोत्सव
  • – मां गंगा का अवतरण
  • – द्रोपदी चीरहरण में श्रीकृष्ण ने बचाई लाज
  • – कुबेर को मिला खजाना
  • – कृष्ण-सुदामा का मिलन
  • – ब्रह्मा पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण
  • – वृंदावन बांकेबिहारी मंदिर में चरण दर्शन
  • – महाभारत युद्ध का समापन

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