Sonia gandhi discusses with party leaders regarding prashant kishor plan: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ कांग्रेस के राजनीतिक पुनरुत्थान के लिए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के प्रस्ताव पर पार्टी हाईकमान का अपने नेताओं से गहन चर्चा का सिलसिला गुरुवार को भी जारी रहा। इस क्रम में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी से भी चर्चा की। वहीं कहा जा रहा है कि सचिन पायलट से हुई मुलाकात के दौरान नेतृत्व ने राजस्थान में पार्टी की अंदरूनी सियासत के परिप्रेक्ष्य में उनकी नई भूमिका पर भी चर्चा की। प्रशांत किशोर को पाटी में शामिल कर कांग्रेस का सियासी कायाकल्प करने का मौका देने के उनके प्रस्ताव पर पार्टी हाईकमान बहुत जल्द अंतिम फैसला करने की तैयारी में है।
सोनिया गांधी प्रशांत किशोर के प्लान पर बीते एक हफ्ते से लगातार पार्टी के तमाम नेताओं से मशविरा कर रही हैं। वैसे, दस जनपथ में इस मसले पर सचिन पायलट और श्रीनिवास से अलग-अलग बातचीत हुई। पी. चिदंबरम, अंबिका सोनी और केसी वेणुगोपाल सरीखे कुछ वरिष्ठ नेता भी सुबह ही इस प्लान पर मंथन के लिए पहुंचे गए। वैसे सचिन पायलट की कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात इसलिए भी अहम रही कि बुधवार को उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उन्होंने चर्चा की थी। समझा जाता है कि पायलट अब कांग्रेस नेतृत्व पर उनसे किए गए राजनीतिक वादे को पूरा करने का दबाव बना रहे हैं और जाहिर तौर पर उनकी निगाहें राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है।
हाल ही में कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने छोड़ी पार्टी
लेकिन राजनीति के धुरंधर अशोक गहलोत के सामने भी असमंजस की स्थिति है क्योंकि सचिन पायलट सरीखे युवा प्रभावशाली चेहरे को पार्टी से जोड़े रखना कांग्रेस के लिए बेहद अहम है। खासतौर पर यह देखते हुए कि राहुल गांधी की युवा बिग्रेड के कई अहम सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, आरपीएन सिंह भाजपा में तो सुष्मिता देव तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं।
अगले महीने राजस्थान में होने वाला है कांग्रेस का चिंतन शिविर
कांग्रेस के पुनरुत्थान के पीके के रोडमैप से लेकर पार्टी के भविष्य की दशा-दिशा को लेकर चिंतन शिविर भी अगले महीने राजस्थान में होने वाला है और पायलट इसमें अहम हैं। कांग्रेस का कायाकल्प करने के प्रशांत किशोर के प्रस्तावों के बारे में आ रही जानकारी के अनुसार, इस चुनावी रणनीतिकार ने सुझाव दिया है कि कांग्रेस के पुनरुत्थान के लिए जरूरी है कि बेशक उसकी आत्मा वही रहे लेकिन उसका शरीर यानी पार्टी संगठन का ढांचा पूरी तरह नया हो।
कांग्रेस को प्रासंगिक बनाने के लिए सुझाव देते हुए कहा गया है कि नेतृत्व का जिला और ब्लाक स्तर के पार्टी पदाधिकारियों से जुड़ाव नहीं है। करीब 70 प्रतिशत जिला अध्यक्षों का कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष और 90 प्रतिशत ब्लाक अध्यक्षों की पार्टी के प्रभारी महासचिव से मुलाकात तक नहीं हुई है। राष्ट्रीय स्तर पर भी पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई कार्यसमिति में युवा और जमीन से जुड़े चेहरों की कमी है।
सोनिया से पायलट ने जल्द निर्णय लेने को कहा
राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के दौरान कहा कि राजस्थान को लेकर जो भी निर्णय लिए जाने हैं, जल्द ले लिए जाएं। इससे चुनाव की तैयारी में काफी मदद मिलेगी। पायलट ने कहा कि वर्षो का इतिहास है कि राज्य में कोई भी पार्टी लगातार दूसरी बार सत्ता में नहीं आती है। इस बार राज्य में कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए शीघ्र निर्णय लेना जरूरी है। पायलट ने प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल किए जाने का समर्थन किया है।