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MP: ग्रामीण इलाकों में 3 घंटे की अघोषित कटौती, फसल सूखने से चिंतित किसान

MP electricity unannounced cut of three hours in rural areas farmers worried about crop drying: digi desk/BHN/जबलपुर/जबलपुर समेत पूरा महाकोशल इन दिनों अघोषित कटौती के दंश से जूझ रहा है। शहर और ग्रामीण इलाकों में एक जैसे हाल हैं। गांव में बिजली की अघोषित कटौती की जा रही है तो शहर में ट्रिपिंग से उपभोक्ता परेशान हैं। कभी रखरखाव तो कहीं फाल्ट की वजह से बिजली बंद हाे रही है। जबलपुर जिले में हर घंटे औसत 30 शिकायत बिजली सप्लाई बंद होने की अप्रैल माह में दर्ज हाे रही है। गांव में सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली नहीं मिलने से किसान चिंतित हैं कि कहीं पानी नहीं मिलने से उनकी फसल न सूख जाए। किसान लगातार बिजली अफसरों के दफ्तरों में चक्कर लगा रहे हैं। इधर, कंपनी प्रबंधन ने सिंचाई के लिए 10 घंटे बिजली का समय बदल कर रात की बजाय दिन में कर दिया है।

जिले के आसपास के हाल 

शहपुरा- शहपुरा भिटौनी नगरीय क्षेत्र में दो से तीन घंटे बिजली बंद होती है। अधिकांश समय ट्रिपिंग की वजह से सप्लाई बाधित होती है। इसके अलावा ट्रांसफार्मर में खराबी की वजह भी सप्लाई बंद हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को रात्रि में सप्लाई दी जाती है। दो घंटे ही लाइट मिलती है।

सिहोरा- घरेलू क्षेत्र में एक से दो घंटे तक विद्युत कटौती की जा रही है। दिन भर में कृषि फीडर में भी 5-6 घंटे बिजली मिल पा रही है। किसानों को सिंचाई करने के लिए भरपूर बिजली की जरूरत है।

बरेला- ट्रिपिंग की समस्या से लोग परेशान हैं। कृषि फीडर में भी आए दिन कटौती हो जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति और खराब है। बिजली बंद होने पर दो तीन घंटे के बाद ही लाइट आ पाती है। फनवानी सहित आसपास के गांवों में कृषि फीडर में तीन से चार घंटे की कटौती हो रही है। वहीं घरेलू में भी कटौती चाहे जब हो जाती है।

कटंगी- नगर में लगभग दो से तीन घंटे बिजली की कटौती हो रही है और यही हाल ग्रामीण इलाकों का भी है।यहां बिजली विभाग के अधिकारियों का रवैया ठीक नहीं है। उनके द्वारा जारी मोबाइल पर कभी भी फ़ोन पर बात नहीं होती है।

बरगी- तीन घंटे औसत बिजली हर दिन बंद रहती हैै। सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है कई बार इसकी शिकायत अधिकारियों की गई है।

17 दिन में 12 हजार से ज्यादा शिकायत

जबलपुर जिले में बिजली सप्लाई को लेकर स्थिति बेहद खराब है। जिले में अप्रैल के 17 दिन में 12300 से ज्यादा बिजली की शिकायत दर्ज हुई हैं। इसमें शहर के अंदर सबसे ज्यादा स्थिति खराब है। यहां करीब 10600 से ज्यादा शिकायत दर्ज हुई है। हर घंटे करीब 30 शिकायत दर्ज हुई है। शहर के भीतर हर घंटे 26 तथा ग्रामीण इलाकों में इस अवधि में हर घंटे 4 शिकायत बिजली बंद होने के लिए दर्ज की गई है। सबसे ज्यादा शिकायत शहर में नगर संभाग पश्चिम में 2700 और नगर संभाग उत्तर में 2464 दर्ज हुई है। वहीं ग्रामीण इलाकों में जबलपुर ओएडंएम में 908 शिकायत सबसे अधिक दर्ज की गई है।

1200 मेगावाट का अंतर इसलिए कटौती 

प्रदेश में अभी 12300 मेगावाट की डिमांड बनी हुई है। पिछले साल के मुकाबले करीब 1500 मेगावाट अधिक मांग पैदा हो गई है। इसमें पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में 4554 मेगावाट, पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में 3852 और मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में 4140 मेगावाट बिजली की मांग है। इस संबंध में मुख्य अभियंता जबलपुर संभाग आरके स्थापक ने कृषक समाज के समक्ष बिजली किल्लत को लेकर बताया कि गर्मी अधिक होने से घरेलू क्षेत्र और किसानों ने उड़द की फसल बोई जिस वजह से बिजली की मांग दोनों क्षेत्रों में बढ़ गई। करीब 1200 मेगावाट की मांग के कारण उत्पादन और सप्लाई के बीच अंतर बन गया। इस वजह से सिस्टम को बचाने के लिए सप्लाई को री-शेड्यूल किया जा रहा है।

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