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Rewa: धर्म पताका फैलाने स्वयं आते हैं भगवान – राधा कृष्णन

नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की…

रीवा,भास्कर हिंदी न्यूज़/  सेमरिया तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत भमरा निवासी महेश प्रसाद त्रिपाठी के निज निवास में 11 अप्रैल से जारी सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद भागवत कथा के चौथे दिन आयोजन स्थल पर भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस मौके पर श्रीवृन्दावन धाम से आए हुए कथा वाचक बाल व्यास राधाकृष्णन महाराज ने भक्तों को कथा का रसपान करते हुए कहा की मानव मात्र को मेरे जन्म, मेरे कर्म, मेरी लीलाओं का संसार में आनंद महोत्सव मनाना चाहिए। यही मानव जीवन का सार है। इसी से हमारा जीवन सफल होता है। कथा वाचक ने श्रीराम जन्म का बड़ा दिव्य वर्णन करते हुए बताया कि भगवान राम और कृष्ण में किसी प्रकार का कोई भेद नहीं है। इसलिए भगवान श्रीराम जन्म लेकर इस धरा धाम पर आये तो हमें जीवन जीने का धर्म कर्म करने का बड़ा सुंदर सूत्र प्रदान किया। इसलिए श्रीराम ने जो किया वो आप करो और श्रीकृष्ण ने जो कहा वो आप करो भगवान बड़े दयालु है, और भगवान के जितने अवतार जन्म होते है, वो सब केवल और केवल हम सभी भक्तों के कल्याण के लिए ही होते हैं। इस मौके पर श्रीकृष्ण का जन्म महोत्सव का आयोजन किया गया। राधिका दीदी ने बधाइयां गाई तो कथा में आये हुए हजारों श्रद्धालुओं ने जय—जय कार करते हुए नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की जयघोष से माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो गया।

श्री महाराज ने श्रीकृष्ण जन्म की कथा का विस्तार से वर्णन किया। कथा के दौरान पूरा पंडाल ब्रज में हो रही जय जयकार और नंद घर आनंद भयो, जय कन्हैयालाल की…जैसे भजनों से पूरा पंडाल गूंज गया। भागवताचार्य ने कहा कि जब-जब धर्म की हानि होती है, इस पृथ्वी पर तब-तब भगवान अधर्म का नाश करने और धर्म का पताका फैलाने स्वयं आते है। कंस के अत्याचार और संतों के कष्टों को दूर करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने कंस के कारागृह में अवतार लिया। जन्म के समय माया से सभी पहरेदार सो जाते हैं व कारागार का ताला खुल जाता है।

वसुदेव यमुना पार करके कृष्ण को गोकुल में छोड़कर आते हैं। वहां से योगमाया रूपी कन्या लेकर आते हैं। उसने कंस को याद दिलाया कि अब उसका अंत निश्चित है। यहां गोकुल में जैसे ही नंद बाबा यशोदा ने भगवान को देखा तो सब कुछ बलिहार कर दिया और फिर पूरे 84 कोस ब्रज को बुलाकर कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। सभी देवी देवता भी रूप बदल -बदलकर दर्शन करने पहुंचे। कथा के दौरान श्रीकृष्ण जन्म की झांकी भी सजाई गई। कृष्ण के जन्म होते ही भजनों पर सभी भक्त झूम उठे।

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