Coronavirus XE Variant: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ चीन के बाद अब भारत में भी कोरोना वायरस संक्रमण के केस बढ़ने लगे हैं और अब कोरोना वायरस ने नए XE वेरिएंट का भी एक केस गुजरात में सामने आया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जून माह तक भारत में कोरोना संक्रमण की चौथी लहर आने की आशंका है। यही कारण है कि सरकार ने 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज लगाने की अनुमति दे दी है। कोरोना वायरस के एक्सई वेरिएंट का पहला मामला गुजरात में सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने दिल्ली समेत चार राज्यों के लिए अलर्ट जारी किया है।
गुजरात में सामने आया XE वेरिएंट का पहला मामला
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट में एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने पुष्टि की है कि गुजरात में कोरोना वायरस के नए XE Variant का पहला मामला सामने आया है। उक्त अधिकारी ने यह भी बताया कि नया XE Variant संक्रामक है, लेकिन वायरस के ओमाइक्रोन वेरिएंट से ज्यादा खतरनाक नहीं है।
गौरतलब है कि बीते सप्ताह मुंबई के स्थानीय निकाय BMC ने फरवरी के दौरान पृथक किए गए कोरोना वायरस के नमूनों में XE Variant की मौजूदगी के बारे में सूचना दी थी, लेकिन भारतीय सरस्कोव-2 जीनोम कंसोर्टियम (आईएनएससीओजी) और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में स्थित अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की थी और तब असमंजस की स्थिति निर्मित हो गई थी।
एक व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि गुजरात से एकत्र किए गए नमूने जीनोम अनुक्रम परीक्षण के लिए NCDC को भेजे गए हैं, लेकिन हमें जो Variant मिला है, वह मुंबई में पाए गए नए XE Variant के समान है। रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर (GBRC) ने कथित तौर पर वायरस के इस नए XE संस्करण की पुष्टि की है। हालांकि जीबीआरसी की लैब हेड माधवी जोशी ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
केरल, दिल्ली, हरियाणा और महाराष्ट्र में अलर्ट जारी
वहीं दूसरी ओर कोरोना के बढ़ते केस और XE Variant का पहला केस मिलने के बाद केंद्र सरकार ने केरल, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र और मिजोरम के लिए अलर्ट जारी किया है। इन चारों राज्यों में कोरोना के मामलों को नियंत्रण में रखने के लिए अभी से एहतियाती कदम उठाने के लिए कहा गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने चारों राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश को पत्र लिखकर चेतावनी दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों से कहा है कि चिंताग्रस्त क्षेत्रों की नियमित निगरानी और लगातार काम करना महत्वपूर्ण है। पत्र में राज्यों को 5 सूत्री रणनीति अपनाने की सलाह दी गई है, जिसमें टेस्ट करना, पता लगाना, उपचार, टीकाकरण और कोविड-19 के अनुकूल व्यवहार शामिल है।