Pakistan Political Crisis: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ पाकिस्तान का सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए साफ किया कि डिप्टी-स्पीकर द्वारा नेशनल असेंबली को भंग करना गैर-संवैधानिक था। कोर्ट ने नेशनल असेंबली के विघटन के फैसले और उसके बाद उठाए गए कदमों को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने संसद को फिर से बहाल करते हुए 9 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री संविधान से बंधा होता है, इसलिए वह राष्ट्रपति को संसद भंग करने की सलाह नहीं दे सकता। इस फैसले से इमरान खान को गहरा झटका लगा है। इस बात की पूरी संभावना है कि 9 अप्रैल को इमरान की सत्ता चली जाएगी, क्योंकि उनके पास विश्वास प्रस्ताव के लिए जरुरी सदस्य नहीं है।
इससे पहले पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) उमर अता बंदियाल ने कहा था कि यह स्पष्ट है कि नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी का 3 अप्रैल का फैसला, जिसने प्रधान मंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था, गलत था। कोर्ट ने चुनाव आयोग को भी तलब किया था। मीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक चुनाव आयोग ने बताया कि चुनाव की तैयारी के लिए 4 महीनों का समय चाहिए।
यह है मामला
नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम खान सूरी ने अविश्वास प्रस्ताव से सरकार को गिराने की तथाकथित विदेशी साजिश से जुड़े होने का हवाला देते हुए रविवार को उसे खारिज कर दिया था। कुछ मिनट बाद, राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री खान की सलाह पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया था।