Amavasya 2022: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ चैत्र मास की अमावस्या 31 मार्च दोपहर 12.25 से शुरू हो गई। यह 1 अप्रैल की सुबह 11.54 बजे तक रहेगी। अमावस्या तिथि इसलिए दोनों दिन मानी जाएगी। 31 मार्च को श्राद्ध अमावस्या है। कल स्नान-दान अमावस्या है। ज्योतिषियों के मुताबिक 1 अप्रैल को सर्वार्थसिद्धि और अमृतसिद्धि योग रहेगा। जिस कारण इस दिन किए गए कामों का पुण्य दोगुना हो जाएगा। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करना शुभ रहता है। वह कुछ उपाय कर मां लक्ष्मी को भी प्रसन्न किया जा सकता है।
अमावस्या तिथि का महत्व
धर्म ग्रंथों के अनुसार अमावस्या तिथि पर पवित्र नदी में स्नान, पूजन और जाप की परंपरा है। अमावस्या के दिन गंगा स्नान कर पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। वह पितरों के निमित्त दान से पितर संतुष्ट होते हैं। यह तिथि पितृ दोष से मुक्ति के लिए शुभ मानी गई है। अमावस्या के दिन पवित्र नदियों और सरोवर में स्नान कर तिल तर्पण भी करना चाहिए।
अमावस्या के दिन करें ये उपाय
1. अमावस्या तिथि पर किसी पवित्र नदी में स्नान करें। भगवान श्रीकृष्ण की पूजा और गीता का पाठ करें। इससे हर इच्छा पूरी होगी।
2. अमावस्या तिथि पर सूर्यदेव को तांबे के लोटे से जल अर्पण करें। लोटे में लाल चंदन और लाल फूल भी डालें। इससे सूर्यदेवता प्रसन्न होते हैं। वह पितृ दोष के अशुभ प्रभाव में कमी आती है।
3. इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए व्रत रखें। किसी जरूरतमंद को दान दें।
4. अमावस्या पर पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाएं। अगर संभव हो सके तो शुद्ध घी का दीपक लगाएं। इससे घर के सदस्यों को शुभ फलों की प्राप्ती होती है।
5. अगर किसी नदी में स्नान करने नहीं जा सकते हैं। तब घर पर ही गंगाजल या अन्य तीर्थ स्थान का जल पानी में मिलाकर स्नान करें।