sinthetik milk: मुरैना-अंबाह/ ग्वालियर से आई स्टेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम ने गुरुवार की शाम अंबाह में तीन अलग-अलग जगह बने गोदामों पर छापामार कार्रवाई करते हुए भारी मात्रा में सिंथेटिक दूध बनाने वाले खतरनाक कैमिकल व अन्य सामग्री पकड़ी है। जिस सोनू अग्रवाल के यहां यह छापा डला है उसके यहां एक साल पहले भी नकली दूध बनाने वाले कैमिकलों का जखीरा पकड़ा गया था। गुरुवार को पकड़ा गया कैमिकल इतनी भारी तादाद में हैं कि, उनकी जब्ती व सेंपलिंग में एसटीएफ व जिला प्रशासन की टीम देर रात तक लगी हुई थी।
ग्वालियर से एसटीएफ डीएसपी रोशनी ठाकुर व निरीक्षक चेतन सिंह की अगुआई में 10 अधिकारी-कर्मचारियों की टीम गुरुवार शाम सवा 6 बजे के करीब अंबाह में पहुंची। एसटीएफ टीम के साथ मुरैना फूड सेफ्टी विभाग के कर्मचारी व पुलिस बल भी मौजूद था। टीम ने सबसे पहले जग्गा चौराहा पर दो अलग-अलग जगह बने गोदामों में छापा मारा जहां, कास्टिक पाउडर, हाइड्रोजन परऑक्साइट, माल्टो डेस्टरिन पाउडर, लिक्विड शेंपू, स्किम्ड मिल्क पाउडर, पारबीड्रॉल जैसे कैमिकल का जखीरा मिला। इसके बाद गल्ला मंडी के पास बने एक गोदाम की शटर खुलवाई तो वहां भी यहीं कैमिकल मिले। यह गोदाम अंबाह निवासी सोनू अग्रवाल के बताए गए हैं। पूछताछ में सामने आया है कि सोनू शर्मा सिंथेटिक दूध बनाने वाले इन खतरनाक कैमिकलों को जिनमें कास्टिक सोडा तक है, इसे मुरैना ही नहीं ग्वालियर, भिंड व श्योपुर तक के डेयरी संचालकों को सप्लाई करता है। कैमिकलों की जब्ती व सेंपलिंग के बाद सोनू अग्रवाल के खिलाफ आगे की कार्रवाई होगी।
- 1000 से ज्यादा बोरे माल्टो डेस्टरिन पाउडर के।
- आरएम कैमिकल के 20 ड्रम जिनमें 4000 लीटर आरएम कैमिकल भरा हुआ था।
- लिक्विड शेंपू की 40 केन और एक-एक किलो के डिब्बों वाले 4 कार्टन।
- हाइड्रोजन परऑक्साइट 30-30 लीटर की 42 केन।
- स्किम्ड मिल्क पाउडर 25-25 किलो के 40 बोरे।
-
सक्रियता पर उठे सवाल
-
नकली दूध, मावा, घी आदि के मामले में मुरैना जिला उतना ही बदनाम हो चुका है जितना कभी बीहड़ और डाकुओं के लिए बदनाम हुआ करता था। गुरुवार को हुई कार्रवाई ने जिला प्रशासन एवं फूड सेफ्टी विभाग की सक्रियता पर भी सवाल उठा दिए हैं। कार्रवाई करने आए एसटीएफ के डीएसपी व निरीक्षक ने बताया कि अंबाह में कैमिकलों के भंडारण की सूचना एसटीएफ एसपी नीरज सोनी के पास लंबे समय से पहुंच रही थी। सूचना की पुष्टि के लिए एसटीएफ ने अपने स्तर से रैकी व जांच कराई उसके बाद कार्रवाई को अंजाम भी दे दिया। इससे पहले मुरैना के फूड सेफ्टी अॅाफिसर या जिला प्रशासन को इस जहर के कारोबार की भनक तक नहीं लगी।